तनाव में भी कश्मीरी बच्चों का कल संवार रही सेना

श्रेयांश त्रिपाठी, श्रीनगर
देश में 73वें सेना दिवस के दिन बुधवार को तमाम लोग के शौर्य और बलिदान को नमन कर रहे हैं। एक ओर जहां तमाम लोग भारतीय सेना को उसके युद्ध कौशल और शौर्य के लिए जानते हैं, वहीं सेना की एक कहानी ऐसी भी है जो अक्सर आम लोगों से छिपी रह जाती है। ये कहानी सेना के उन गुडविल स्कूलों की है, जिनमें सालों से कश्मीरी बच्चों को तालीम की ताकत दी जाती रही है। सेना के ये गुडविल स्कूल ना सिर्फ बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दे प्रदान करते हैं, बल्कि तमाम मुश्किल वक्त में भी इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को पूरा कराया जाता है।

2016 में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में उपजे तनाव के बीच एक उम्मीद की किरण की तरह कश्मीरी बच्चों की शिक्षा के सारथी बने। हिंसा के हालातों के बीच घाटी में जहां तमाम स्कूलों को जलाकर आतंकियों ने कश्मीरी बच्चों के भविष्य को अंधकार में ढकेलने का प्रयास किया। वहीं 4 महीने तक अशांत रही घाटी में सेना के गुडविल स्कूल अनवरत पढ़ाई कराते रहे।

सद्भावना फंड से चलते हैं विद्यालय
खास बात यह कि के अलग-अलग जिलों में बने सेना के इन आर्मी गुडविल पब्लिक स्कूलों में भारतीय सेना यहां के बच्चों को उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ शिक्षा देती है। सेना के सद्भावना फंड से वित्तपोषित इन स्कूलों में ना सिर्फ बच्चों को शैक्षिक रूप से सशक्त किया जाता है, बल्कि उनके बौद्धिक और सांस्कृतिक स्तर के विकास के लिए भी तमाम कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कई मौकों पर सेना के अधिकारी और जवान खुद भी तमाम वर्कशॉप और कार्यशालाओं के लिए इन स्कूलों में बच्चों के बीच पहुंचकर क्लासेज का हिस्सा बनते हैं।

मुश्किल हालातों में भी नहीं रुकी पढ़ाई
कश्मीर घाटी में बीते कुछ सालों में पैदा हुई मुश्किल स्थितियों में भी आर्मी गुडविल पब्लिक स्कूलों में पढ़ाई का काम चलता रहा। साल 2016 और 2019 में तनावपूर्ण हालात उपजे तो पूरी सुरक्षा के बीच दक्षिण कश्मीर, मध्य कश्मीर और उत्तर कश्मीर के जिलों में स्थित तमाम स्कूलों में उस वक्त भी पढ़ाई कराई गई। यह सब उस वक्त हुआ, जिस वक्त कश्मीर घाटी के अन्य स्कूल तनाव के कारण बंद थे। इसके अलावा सेना के इन स्कूलों में पढ़ने वाले कश्मीर के कई बच्चों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में देश का नाम भी रोशन किया।

46 स्कूलों में 14000 बच्चे करते हैं पढ़ाई
1990 के बाद से सेना ने आतंक प्रभावित तमाम इलाकों में अपने गुडविल स्कूलों की स्थापना का काम शुरू कराया था, जिससे कि घाटी के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया कराई जा सके। सद्भावना मिशन के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में फिलहाल सेना कुल 46 स्कूलों का संचालन करती है। इन स्कूलों में घाटी के अलग-अलग इलाकों से आने वाले 14 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। आर्मी गुडविल स्कूलों में पढ़ने वाले 800 से अधिक बच्चों को स्कॉलरशिप दी जाती है। गुडविल स्कूलों में करीब 1000 शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं। तमाम मौकों पर यहां पर खेलकूद और सांस्कृतिक क्षेत्रों से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

Source: National

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