7 हजार रुपये महीना कमाने वाले शख्स को मिला इनकम टैक्स से नोटिस, मांगा गया 134 करोड़ रुपये के लेन-देन का हिसाब

भोपाल
मध्य प्रदेश के भोपाल में 29 साल के एक शख्स को देखकर चक्कर आ गया। इनकम टैक्स विभाग ने शख्स के पैन नंबर के साथ 134 करोड़ के लेन-देन की जानकारी मांगी है। पीड़ित का नाम रवि गुप्ता है जिसका कहना है कि उन दिनों उनकी सैलरी मात्र 7 हजार रुपये हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं है कि अकाउंट कैसे खुला। रवि को शक है कि मामला मनी लॉन्ड्रिंग का हो सकता है जिसकी जांच होनी चाहिए।

रवि ने कहा जब उन्होंने फर्म में अपनी जांच शुरू की तो एक और बड़ा झटका लगा। जिस कंपनी से बैंक में लेन-देन हुआ, वह नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के ऑफिस से कुछ दूरी पर निकली, जो 12,700 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी हैं। गुप्ता ने कहा कि ट्रांजैक्शन गुजरात की एक डायमंड ट्रेडिंग कंपनी द्वारा किए गए हैं।

इनकम टैक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रवि गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराकर जांच की मांग कर सकते हैं। रवि भिंड के मोहाना निवासी हैं। उन्हें कहा गया है कि सितंबर 2011 से 13 फरवरी 2012 के बीच मुंबई में एक निजी बैंक की शाखा के साथ कंपनी के खाते में 134 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। पैन कार्ड इसी से जुड़ा हुआ था जो गुप्ता का बताया जा रहा है।

रवि गुप्ता ने बताया, ‘मैं उस वक्त मुश्किल से 21 साल का रहा होगा जब ये ट्रांजैक्शन हुए। मैं 2011 से 2012 के बीच न ही मुंबई और न ही गुजरात में था। मैं इंदौर में एक प्राइवेट फर्म में काम कर रहा था और 7 हजार रुपये महीने कमाता था जो कि नॉन टैक्सेबल है।’ रवि गुप्ता ने बताया, ‘मैंने मध्य प्रदेश के साइबर सेल, महाराष्ट्र पुलिस, पीएमओ और आईटी अधिकारी को पत्र लिखकर इस टैक्स रिकवरी मामले से मुक्त करने का आग्रह किया है।’

रवि गुप्ता को 30 मार्च 2019 में पहला नोटिस मिला और कहा गया कि 2011-12 के लिए उनकी इनकम कर योग्य थी। रवि गुप्ता ने कहा, ‘मैंने इस नजरअंदाज कर दिया क्योंकि मेरी सैलरी उस वक्त कर योग्य नहीं थी। इसके बाद जुलाई में मुझे दूसरा नोटिस मिला। मैंने छुट्टी लेकर अपनी जांच शुरू की। मैंने मामले की डीटेल इकट्ठा करनी शुरू की। रवि गुप्ता ने आगे बताया, ‘अब आईटी विभाग मेरी संपत्ति जब्त करने की धमकी दे रहा है।’

दिसंबर महीने में आईटी विभाग ने गुप्ता को समन भेजा था और गुजरात में अकाउंट डीटेल के साथ अकाउंट ओपनिंग फॉर्म, पैन कार्ड, कॉपी अकाउंट वैरिफिकेशन फॉर्म, टीआईएन रजिस्ट्रेशन और गुजरात में फर्म रजिस्ट्रेशन मांगा था। रवि गुप्ता ने बताया, ‘मैंने उन्हें बताया कि मेरा कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। उस अकाउंट में सिर्फ मेरा पैन कार्ड है जिसमें फर्जी दस्तखत हैं। उन्हें यह जांच करनी चाहिए उस अकाउंट से लेन-देन कैसे हुआ जिस पर स्थानीय पता भी नहीं है।’

Source: Madhyapradesh

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