राजस्थान के कोटा, जोधपुर, बूंदी और बीकानेर में सैकड़ों बच्चों की मौत के बावजूद ऐसा लग रहा है कि अभी अस्पताल प्रशासन चेते नहीं हैं। लापरवाही अब भी जारी है। इसका ताजा उदाहरण भरतपुर का सरकारी हॉस्पिटल है, जहां आईसीयू में चूहा घूमते हुए मिला। इतना ही नहीं वॉर्डों में कुछ कुत्ते घूमते और कुछ बिस्तर पर लेटे मिले। अब राजस्थान के पर्यटन मंत्री ने भरतपुर के चीफ मेडिकल ऐंड हेल्थ ऑफिसर को जयपुर तलब किया है।
बता दें कि कोटा के में 150 से ज्यादा बच्चों की मौत की खबर ने पूरे देश को हिला दिया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हॉस्पिटल की जांच के दौरान पाया था कि किसी भी खिड़की के शीशे नहीं थे। दरवाजे टूटे हुए थे। इतना ही नहीं, आयोग ने सुअर के बच्चों को भी अस्पताल परिसर में घूमते पाया था।
कोटा अस्पताल में सफाई औ स्टाफ की भी कमी थी। इसके बाद एक के बाद एक अन्य जिलों से सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत की खबर से सभी सिहर उठे। हर मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और अव्यवस्था देखने को मिली। इसके बावजूद अभी अस्पताल चेते नहीं हैं।
‘यह गंभीर लापरवाही, जयपुर तलब किया’
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा, ‘सरकारी अस्पताल के आईसीयू में चूहे की तस्वीर देखकर मैं हैरान हूं। आवारा जानवर अस्पताल के बिस्तर पर दिख रहे हैं। यह गंभीर लापरवाही है। मैंने हेल्थ ऑफिसर को जयपुर तलब किया है।’ इसके साथ ही सिंह ने दावा किया कि वह अगले हफ्ते भरतपुर के सभी अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे।
सचिन पायलट ने अपनी सरकार पर उठाए थे सवाल
बता दें कि राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर अशोक गहलोत सरकार बैकफुट पर है। डेप्युटी सीएम सचिन पायलट ने एक महीने में 110 बच्चों की मौत से सुर्खियों में आए कोटा के जेके लोन अस्पताल का दौरा करने के बाद अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। हमें लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि हम इस तरह की घटना स्वीकार नहीं करेंगे। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। यदि इतने बच्चों की मौत हुई है तो कोई ना कोई कमी तो जरूर रही होगी।’
Source: National