यूके कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद बुकी को बहुत जल्द भारत लाया जाएगा। चावला पर साल 2000 में एक क्रिकेट मैच फिक्स करने का आरोप है। पूर्व अमेरिकी गृह सचिव साजिद जाविद ने फरवरी 2019 में उसे भारत लाने की अनुमति दे दी थी। इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट पहुंचा जहां उसे निराशा हाथ लगी है।
28 दिनों के भीतर होगा प्रत्यर्पण
सुनवाई के दौरान जस्टिस डेविड बीन और जस्टिस क्लाइव लुइस ने कहा कि संजीव चावला की याचिका को अस्वीकार किया जाता है। भारत-इंग्लैंड प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे 28 दिनों के भीतर भारत भेजा जाए। सरकार की तरफ से पेश हुए वकील मार्क समर ने कहा कि चावला के पास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प ना के बराबर है।
स्पेशल सेल में रखा जाएगा
हाईकोर्ट ने भारत सरकार से कहा कि उसे स्पेशल सेल में रखा जाए जहां उसकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का बेहतर खयाल रखा जा सके। इस पर भारत सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उसकी इस मांग को सरकार गंभीरता से लेगी और उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
2005 से ब्रिटिश नागरिक है चावला
कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज के मुताबिक, चावला दिल्ली का एक बिजनसमैन था जो 1996 में बिजनस वीजा पर लंदन पहुंचा। 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। 2005 में उसे यूके का पासपोर्ट मिल गया और वह अब ब्रिटिश नागरिक है। उसे फरवरी 2000 में साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए के सामने भी पेश किया गया था।
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