राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार को लखनऊ में हुआ। इस मौके पर लोकसभा के स्पीकर ने कहा कि चुनावों में मतदान का प्रतिशत लगातार बढ़ना दर्शाता है कि लोगों का विश्वास में बढ़ा है। इससे जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। उन्हें हर हाल में जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना होगा क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि को उच्च स्थान प्राप्त है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित के अलावा सम्मेलन के सभी प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद ओम बिरला ने कहा, ‘लोकसभा और राज्य विधानमंडल लोकतांत्रिक निकायों के चुनाव संचालन निर्वाचन प्रक्रिया में लोगों की सक्रिय उत्साहपूर्ण भागीदारी हमारे लोकतंत्र का मजबूत प्रतीक है। आजाद भारत के बाद हर चुनाव के अंदर मतदान प्रतिशत लगातार बढना यह विश्वास दिलाता है कि भारत की जनता का लोकतंत्र के प्रति और विश्वास बढा है और इसी के साथ जब जनता का विश्वास बढ़ा है, तो जनप्रतिनिधि की और अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है।’
‘जनप्रतिनिधियों की भी है भरोसा बरकरार रखने की जिम्मेदारी’
उन्होंने आगे कहा, ‘चाहे सांसद हो, चाहे विधायक हो हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है कि हम जनता के विश्वास और भरोसे पर जनप्रतिनिधि के रूप में खरे उतरें और इसीलिये राष्ट्र की आशाओं के अभिरक्षक के रूप में भारत के जनप्रतिनिधि काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत में राजनीतिक बहुलवाद मौजूद है। इसके अलावा धर्म, बोली, खान-पान इत्यादि की विविधता से उपजी अनेकता में एकता हमारे लोकतंत्र का प्रतीक है।
इस मौक पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोध रोका जा सके। उन्होंने आगे कहा, ‘उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के वाराणसी से सांसद हैं। पिछले साल पटना में सीपीए सम्मेलन हुआ था। पिछले दिनों महात्मा गांधी की जयंती पर 36 घंटे यूपी विधानसभा का सत्र चला।’
लालजी टंडन बोले- हम आज भी कर रहे एकता और अखंडता की रक्षा
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा, ‘मेरा सौभाग्य रहा कि यहां के दोनों सदनों का सदस्य रहा हूं। स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष के दिशा निर्देश में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है।’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे हैं। इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा।’
इसका छठा सम्मेलन वर्ष 2017 में पटना में हुआ था। सातवें सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। सीपीए के ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र और साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
(भाषा से इनपुट्स के आधार पर)
Source: National