RSS के फर्जी भारतीय संविधान के खिलाफ मेरठ में एफआईआर, साइबर सेल करेगी जांच

शादाब रिजवी, मेरठ
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल के फर्जी के खिलाफ मेरठ में दर्ज हुई है। के मेरठ प्रांत के प्रचार प्रमुख की तहरीर पर रिपोर्ट लिखी गई है, जिसकी जांच साइबर सेल करेगी। सोशल मीडिया पर 16 पेज की वायरल पुस्तक को संघ का संविधान बताया जा रहा है। इससे पहले राजधानी लखनऊ में भी केस दर्ज हो चुका है।

आरएसएस के मेरठ प्रांत प्रचार प्रमुख अजय मित्तल ने एफआईआर में बताया है कि संघ को वर्ण व्यवस्था का समर्थक बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मिथ्या संदेश फैलाया है। ‘नया भारतीय संविधान’ नाम से प्रचारित लेख का लेखक सरसंघचालक मोहन भागवत को बताया है। उनका फोटो भी लगा है। किताब में वर्ण व्यवस्था का जिक्र कर बताया है कि भारत अब इसी नए संविधान की नीतियों पर चलेगा।

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अजय मित्तल ने बताया, ‘संघ संविधान में निष्ठा रखता है। जाति एवं वर्ण व्यवस्था को नहीं मानता। संघ की नीतियों के खिलाफ किताब के बहाने अनर्गल प्रलाप किया है। संघ ने मुलजिमों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली इंस्पेक्टर ने मंगलवार को बताया कि एफआईआर लिखी गई है।’

सोशल मीडिया पर संघ का पलटवार
आरएसएस ने सोशल मीडिया पर इसका पलटवार किया है। ‘षडयंत्र से सावधान’ के नाम से एक विडियो वायरल किया है, जिसमें सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोधियों के नए देश विरोधी षड़यंत्र की जांच की मांग की गई है। इसमें कहा गया कि यह आरएसएस की छवि बिगाड़ने की कोशिश है। नए भारतीय संविधान की अफवाह उड़ा सरसंघचालक की तस्वीर और नाम का दुरुपयोग किया है। आरएसएस सदैव भारतीय संविधान का सम्मान करता हैं, षड्यंत्रकारी भ्रम पैलाकर समाज को बांटना चाहते हैं। अपील की गई है कि इस षड्यंत्र में न फंसे और न बढ़ावा दें, षड्यंत्रकारियों की शिकायत करें।

Source: International

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