सीएए विरोध: देश के कई हिस्‍सों में चल रहे हैं शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन

इंदौर
दिल्ली के में (सीएए) के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों को महीने भर से ज्‍यादा समय हो गया है। सीएए के खिलाफ इन प्रदर्शनों में महिलाओं और बच्‍चों की भागीदारी भी काफी ज्‍यादा देखने में आई है। इस तरह के प्रदर्शन कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, प्रयागराज और इंदौर जैसे देश के दूसरे हिस्‍सों में भी देखने में आ रहे हैं।

मध्‍य प्रदेश के इंदौर का बड़वाली चौकी क्षेत्र भी सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन का केंद्र बन चुका है। मुस्लिम बहुल बड़वाली चौकी क्षेत्र में शुक्रवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात किया गया है। हालात पर प्रशासन की भी नजर बनी हुई है। जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद बड़वाली चौकी के जामा मस्जिद मैदान पर लोग सीएए और एनआरसी के विरोध में तिरंगे झंडे और तख्तियां लेकर धरना-प्रदर्शन तथा नारेबाजी करते दिखायी दिये। उनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी थीं।

कोलकाता के पार्क सर्कस में जमे प्रदर्शनकारी
कोलकाता के बेनियापुकुर इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन पूरे जोर से जारी हैं। इसी तरह कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में सीएए और एनपीआर के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर करीब 30 महिलाएं सात जनवरी से धरने पर बैठी हैं। इन धरने-प्रदर्शनों में मुस्लिम समुदाय के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी हिस्‍सा ले रहे हैं।

हैदराबाद में हो गई तिरंगों की कमी
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में नागरिकता संशोधन कानून का इतना जबर्दस्‍त विरोध हो रहा है कि वहां तिरंगों की कमी हो गई है। विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्‍या में तिरंगा लेकर चलते हैं। तिरंगे की सप्‍लाई करने वाले लोगों का कहना है कि पहली बार गणतंत्र दिवस पर झंडे की कमी हुई है। मांग को देखते हुए दुकानदारों ने तिरंगे की कीमत दोगुनी कर दी है।

मुंबई में लग रहे तरह-तरह के नारे
देश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले महानगर मुंबई में जोगेश्‍वरी, अग्रीपाड़ा जैसे अलग-अलग हिस्‍सों में संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर का विरोध जारी है। इनमें लोग तरह-तरह के नारे लगा रहे हैं। जैसे, ‘मैं गुजरात से हूं 2002 में मेरे कागजात जल गए। सीएए नहीं चाहिए। एनआरसी का बहिष्कार। भारत को बांटना बंद करो, हमें मत बांटो। संविधान की रक्षा हो।’

प्रयागराज का मंसूर अली पार्क बना शाहीन बाग
यूपी के प्रयागराज में रोशन बाग स्थित मंसूर अली पार्क भी ‘शाहीन बाग’ बन चुका है। यहां पिछले लगभग एक सप्‍ताह से महिला प्रदर्शनकारी डटी हुई हैं। वे मोदी सरकार पर देश के संविधान पर हमले का आरोप लगाती हुई दोहरा रही हैं कि जब तक जरूरी होगा वे अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगी।

Source: Madhyapradesh

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