गौरव चंदेल मर्डर: 12 दिन बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं, कार की तेज स्पीड से पुलिस को शक

नोएडा/ गाजियाबाद
गौतमबुद्धनगर में गुड़गांव की कंपनी के रिजनल मैनेजर गौरव चंदेल की गोली मारकर हत्या के बाद गाजियाबाद के आकाश नगर में लावारिस हालत में मिली चंदेल की सेल्टॉस कार कई सवाल खड़े कर रही है। सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में कार की रफ्तार को देखकर इस पूरे घटनाक्रम में क्षेत्र के किसी व्यक्ति के शामिल होने का शक पुलिस को है। फुटेज में आकाश नगर की संकरी गलियों में कार की रफ्तार काफी तेज है, जबकि रास्ते की जानकारी नहीं होने पर वाहन इतनी तेज कोई नहीं चला सकता है।

पुलिस सभी कड़ियों को मिलाकर बदमाशों की जानकारी जुटाने में लगी है। इस इलाके के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आपराधिक इतिहास वाले लोगों की कुंडली पुलिस खंगाल रही है। मामले में गाजियाबाद पुलिस भी केस से जुड़ी टीम की मदद कर रही है। कविनगर थाने में मिर्ची गैंग डी-112 से रजिस्टर्ड है, जिसमें बदमाशों की संख्या 90 तक पहुंच गई है। वहीं इस गैंग के वारदात करने का तरीका बिल्कुल वैसा है, जैसा गौतमबुद्धनगर में गौरव चंदेल वाली वारदात में हुआ। उसके बाद चिराग अग्रवाल से भी इसी प्रकार से लूट की गई। पुलिस इसी को देखते हुए गैंग के 90 बदमाशों की लिस्ट को खंगाल रही है।

टियागो के लुटेरों से गौरव के हत्यारों तक पहुंचने की कोशिश
सर्जिकल इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी के रीजनल मैनेजर गौरव चंदेल के हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम अब टियागो के लुटेरों की तलाश कर रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि गाजियाबाद में टियागो लूटने वाले बदमाश गौरव चंदेल की हत्या में शामिल रहे हैं या फिर उसी गैंग के हैं। गौरव की हत्या करके सेल्टॉस लूटने और फिर टियागो को लूट करके सेल्टॉस को लावारिस हालत में खड़ा करने के तरीके के पीछे पुलिस मिर्ची गैंग और एक लाख रुपये के इनामी सरगना आशु जाट का हाथ मान रही है।

गौरव की हत्या में शामिल बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस गाजियाबाद, हापुड़ समेत पश्चिमी यूपी में कई जगहों पर दबिश दे रही है। बदमाश गाजियाबाद में 14 जनवरी को टियागो लूटने के बाद सेल्टॉस को खड़ा करके अंडरग्राउंड हो गए। जांच अधिकारी मान रहे हैं कि अगर पुलिस टियागो को खोज ले, तो हत्यारों तक भी पहुंच सकेगी। पुलिस को अंदेशा है कि सेल्टॉस की तरह ही बदमाशों ने टियागो को भी कहीं आसपास के ही इलाके में छिपा रखा है और उससे वह किसी अन्य घटना को भी अंजाम दे सकते हैं। पुलिस टीमें इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस के साथ ही मुखबिरों के माध्यम से भी घटना में शामिल बदमाशों की खोजबीन में लगी हैं। पुलिस को उनकी सेल्टॉस गाड़ी के साथ ही मोबाइल फोन भी मिल चुका है। पुलिस घटनाक्रम से गिरोह के बारे में भी जान चुकी है। अब बदमाशों की धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही हैं।

Source: International

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *