सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर फैसले को लेकर दाखिल सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं के खारिज होने के बाद अब शीर्ष अदालत में दाखिल की गई है। बता दें कि कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 के अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया था। अब के ने 9 नवबर के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग वाली याचिका दाखिल की है।
5 जजों की पीठ ने खारिज की थी रिव्यू पिटिशन
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने एकमत से रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया था। बता दें कि अयोध्या के ऐतिहासिक फैसले वाली पीठ में जस्टिस बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़ और अब्दुल नजीर भी शामिल रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने दोबारा विचार की मांग की
याचिका में डॉ अय्यूब ने मांग की है कि फैसला आस्था के आधार पर लिया गया है और इसपर विचार करने की जरूरत है। बता दें कि पीस पार्टी ने रिव्यू पिटिशन भी दाखिल किया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ही कई मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डाली थी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर की, वहीं निर्मोही अखाड़े ने भी अपनी कुछ मांगों को लेकर रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी।
Source: National