वेस्ट यूपी के तीन होनहार बच्चों ने पाया राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार

मेरठ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के बहादुर बच्चों को बुधवार को से सम्मानित किया। इनमें मेरठ की आरुषि शर्मा और विनायक बहादुर के अलावा सहारनपुर की हर्षिता को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति ने देशभर से चुने गए बच्चों के साथ तीनों को बाल शक्ति पुरस्कार से नवाजा। तीनों को एक-एक लाख रुपये नकद, एक-एक टैबलेट, पदक, सर्टिफिकेट और प्रशस्ति पत्र दिया गया। तीनों मेधावियों संग उनके परिजन ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित समारोह में सम्मानित होने के बाद आरुषि, विनायक और हर्षिता 23 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का फुल ड्रेस रिहर्सल देखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर करेंगे। 24 को प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात और लंच के बाद 25 को दिल्ली दर्शन करेंगे। 26 को गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनेंगे। तीनों 27 को अपने घर लौट आएंगे।

आरुषि की ऊंचाईयां
दीवान पब्लिक स्कूल मेरठ की छात्रा आरुषि बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह बधिर हैं। आरुषि ने एशिया पैसिफिक डेफ यूथ बैडमिंटन चैंपियनशिप, मलेशिया 2018 के युगल में कांस्य पदक, छठे नेशनल जूनियर और सब-जूनियर गेम्स ऑफ डेफ, चेन्नई 2019 युगल में स्वर्ण और मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक, पांचवें नेशनल जूनियर तथा सब-जूनियर गेम्स ऑफ डेफ, रांची 2017 में एकल और मिक्स्ड डबल में स्वर्ण पदक, 21वीं नैशनल गेम्स ऑफ द डेफ, चेन्नई 2017 में रजत पदक, चौथे नैशनल जूनियर और सब-जूनियर गेम्स ऑफ डेफ, जमशेदपुर 2016 के मिक्स्ड डबल में स्वर्ण तथा एकल में कांस्य पदक, 20वें नेशनल गेम्स ऑफ डेफ, हैदराबाद 2016 में कांस्य पदक जीता है। प्रदेश और जिला स्तर पर कई स्वर्ण पदक अपने नाम किए।

विनायक का वजूद
शांति निकेतन विद्यापीठ मेरठ में कक्षा आठवीं के छात्र विनायक बहादुर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। मूक बधिर हैं। उनके माता-पिता भी मूक बधिर हैं। विनायक ने बैडमिंटन में राष्ट्रीय स्तर पर चार स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और एक कांस्य पदक जीता है। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में 10 स्वर्ण पदक, नौ रजत पदक और तीन कांस्य पदक जीते हैं। विनायक को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 17वें बिहार दिव्यांग खेल अवार्ड समारोह 2017 में पटना में आयोजित समारोह में ‘आउटस्टैंडिंग एबिलिटी इन द फील्ड ऑफ स्पॉर्ट्स अवॉर्ड से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सम्मानित किया था।

हर्षिता का हार्डवर्क
सहारनपुर की हर्षिता अरोड़ा ने मोबाइल ऐप बनाकर देश-दुनिया में नाम रोशन किया। वर्ष-2018 में आइओएस पर क्रिप्टो करंसी प्राइस ट्रैकर ऐप्लिकेशन बनाने के बाद हर्षिता सुर्खियों में आई थीं। उनका यह ऐप दुनियाभर की क्रिप्टो करंसी के मूल्यों में हो रहे उतार-चढ़ाव का रियल टाइम स्टेटस बताता है। हर्षिता के पिता रविंद्र सिंह अरोड़ा ऑटो फाइनेंसर और माता जसविंद्र कौर गृहिणी हैं। हर्षिता आठवीं के बाद पारंपरिक पढ़ाई छोड़ आइटी के क्षेत्र में जुट गई। फेसबुक पर सेल्सफोर्स की जानकारी पाकर इंटर्नशिप करने बेंगलुरू चली गई थीं।

2016 में मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के कार्यक्रम एमआइटी लांच में भाग लिया। यहां पर उन्होंने फाइनेंस कैटेगरी के लिए ऐप तैयार किया। यह ऐप्लिकेशन आइओएस पर चलता है। पिछले साल से हर्षिता अमेरिका के बोस्टन में हैं। उन्होंने यू-ट्यूब पर एमआईटी यूनिवर्सिटी के लिए प्रोफाइल दिया है, जिसके बाद उसे सीधे ग्रेजुएशन में दाखिला मिलेगा। एक दिन पहले ही वह अमेरिका से भारत आई हैं।

Source: International

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