अवैध खनन से सूखी केन नदी, किसानों के खेत भी बर्बाद

जिले की सदानीरा में चल रही भुरेड़ी (सोना) और दुरेड़ी मौरंग खदानों ने नदी की हत्या कर दी है। नदी को हर 500 कदम पर बांधकर उसकी जलधारा से पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से मौरंग निकाली जा रही है। हालात यह है कि अंधाधुंध खनन की वजह से पूरे साल प्रवाहित होने वाली केन अभी से सूखने लगी है। वहीं मौरंग माफिया ने बांदा के किसानों के लिए भी नई मुसीबत खड़ी कर दी है। मौरंग माफिया किसानों की फसल रौंद कर खेतों के बीच से रास्ता बनाकर ट्रक निकाल रहे हैं। इस मामले में शुक्रवार को भी किसानों ने डीएम ने से शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब नरैनी इलाके के पीड़ित जिला प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी कर रहे हैं।

खेत के बीच में बनाया 20 फुट चौड़ा रास्ता
नरैनी तहसील के गांव बरसड़ा मानपुर के किसान कामता, प्यारे, पैसुनी, श्याम, किरपाल, रामानन्द, रामधनी, दीनबंधु ने बताया कि केन नदी की बरसड़ा मानपुर मौरंग खदान में करवा रहे खनन माफिया ने करीब 20 बीघा खेतों में बोई गई अरहर की फसल उजाड़कर 20 फीट चौड़ा रास्ता बना लिया है। खेतों के बीच से ट्रक निकलने से उससे निकलने वाली मौरंग से बची-खुची फसल भी खराब हो गई है। किसानों ने बताया कि खेत में गड्ढा खोदकर रास्ता बना दिया तो मौरंग माफिया के गुर्गों ने किसानों की झोपड़ी में आग लगा दी।

पुलिस कहती है-समझौता कर लो
किसानों ने बताया कि जब हम लोगों ने पुलिस चौकी करतल में झोपड़ी जलाने और फसल उजाड़ने की शिकायत की तो दरोगा बोले-समझौता कर लो। ट्रकों का रास्ता मत रोको। अभी तो झोपड़ी जलाई है। तुम्हे भी जला देंगे। ट्रकों का रास्ता मत रोको!

प्रतिदिन निकाली जा रही 500 ट्रक मोरंग
किसानों ने डीएम बांदा और खनन विभाग को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि केन नदी की बरसड़ा मानपुर मौरंग खदान से करीब 500 ट्रक मौरंग रोज निकाली जा रही है। इतने सारे ट्रकों के आने-जाने से धूल और मौरंग की डस्ट से आसपास के खेतों में बोई गई फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।

एमपी के रवन्ने से पास हो रहे ट्रक
मौरंग लेकर रायबरेली जा रहे ट्रक चालक राम मोहन, रमेश, छेदीलाल ने बताया कि खदान चला रहे लोग उन्हें मध्यप्रदेश की मौरंग खदान रामनई घाट का रवन्ना देते हैं। रवन्ना देखकर हमें पुलिस नहीं रोकती। रामनई खदान केन नदी के दूसरे छोर पर बरसड़ा मानपुर खदान के ठीक सामने है। बरसडा यूपी की खदान है और रामनई एमपी के छतरपुर जिले में आती है।

विधायक के लोग करवा रहे खनन
बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने आरोप लगाया कि बरसड़ा मानपुर खदान से मौरंग का खनन नरैनी के क्षेत्रीय विधायक के लोग करा रहे हैं। इस खान का किसी के नाम पट्टा नहीं है। बंदूक और गुंडागर्दी के बूते किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है, किसान यूनियन इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। 28 जनवरी को किसानों के उत्पीड़न को लेकर नरैनी तहसील में हल्ला बोला जाएगा।

खप्टिहा और सांडी में भी बना डाले पुल
भुरेड़ी और दुरेड़ी मौरंग खदानों की तरह केन नदी के बछौंधा, मानपुर, बरसड़ा, नसेनी, लहुरेटा, साड़ी और खप्टिहाकला के कुछ खदान संचालकों ने नदी की जलधारा रोककर पुल बना दिए है। इन मौरंग खदानों के आसपास केन नदी छोटे-छोटे तालाबों की तरह सिमट गई है। जेसीबी और पोकलैंड मशीनें उतारकर नदी की कोख फाड़ी जा रही है। केन नदी के दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश की मौरंग खदानें भी नदी की हत्या करने पर तुली हुई हैं। मध्य प्रदेश की रामपुर, श्रृंगारपुर, पड़वार, गौहानी, मौरंग खदानों से भी अंधाधुंध अवैध खनन किया जा रहा है।

40 किसानों के खेत उजाड़े
केन नदी के अछरौड़ मौरंग खदान का पट्टेदार सारे नियम कानूनों को धता बताकर उजरेहटा के रास्ते मौरंग भरे ट्रक निकलवा रहा है। इसके लिए उसने गांव के करीब 40 किसानों के खेत उखाड़ दिए हैं। जिला खनिज अधिकारी आरपी सिंह ने कहा, ‘केन नदी की बरसड़ा मानपुर खदान का पट्टा किसी के नाम नहीं हैं। यदि कोई खनन करवा रहा है तो वह अवैध है। पता करके कार्रवाई की जाएगी।’

Source: International

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