रिपब्लिक: झांकियों में गांव लौटो, मेंढक बचाओ का संदेश

नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के राजपथ पर 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की तरफ से 22 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इन झाकियों के जरिए देश और दुनिया को अलग-अलग संदेश देने की कोशिश की गई। गोवा ने जहां ‘मेंढक बचाओ’ का संदेश दिया वहीं जम्मू-कश्मीर ने ‘गांव की ओर लौटो’ कार्यक्रम से लोगों को अवगत कराया।

पंजाब की झांकी गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के नाम रही। केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर की यह पहली झांकी थी, जो कश्मीरी पंडितों के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम ‘गांव की ओर लौटो’ के नाम रही। इन 22 झांकियों में 16 झांकियां विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश की थी और अन्य छह मंत्रालयों, विभागों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की थी।

यूनेस्को विश्व धरोहर द्वारा 2019 में जयपुर को ‘वॉल्ड सिटी ऑफ जयपुर’ का दर्जा दिए जाने के बाद इस बार इसे राजस्थान की झांकी में दिखाया गया। इसमें जयपुर की सांस्कृतिक विरासत के साथ ही उसकी वास्तुशिल्प भव्यता को दिखाया गया। गुरु नानव देव के 550वें प्रकाश पर्व के जश्न ने पंजाब की झांकी को खास बना दिया, जो इस बार उनकी थीम रही।

गुजरात की झांकी में ‘रानी की वाव’ को केन्द्र बनाया गया। यूनेस्को ने 2014 में ‘रानी की वाव’ को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। ‘रानी की वाव’ भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी है। इनके अलावा छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक राज्य की झांकियां भी यहां दिखीं।

इस बीच, एनडीआरएफ की झांकी ने भी सबको आकर्षित किया। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के दौरान और दिल्ली की अनाज मंडी में आग लगने के दौरान पिछले साल इस्तेमाल की गई अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का प्रदर्शन किया गया।

Source: National

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