71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में इस बार की ऐंटी-सैटलाइट () मिसाइल और एयर डिफेंस टैक्टिकट कंट्रोल रेडार (ADTCR) का भी प्रदर्शन किया गया। बता दें कि इन दोनों ने ही भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत किया है। मिशन शक्ति के बाद तो भारत उस खास क्लब का हिस्सा बन गया था जिसमें सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस शामिल थे।
जानें ASAT और ADTCR की खासियत
पिछले साल 27 मार्च को भारत ने एंटी सैटलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने पृथ्वी की सतह से 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ पर अपने ही एक डीकमीशन हो चुके सैटलाइट को मार गिराया था। इस मिशन को 3 मिनट में पूरा कर लिया गया था।
इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद इस तरह की ताकत का प्रदर्शन करने वाला भारत चौथा देश बन गया था।
सैटलाइट को ‘हिट टू किल’ मोड में 10 सेंटीमीटर की दूरी के साथ नष्ट किया गया था। इस दौरान सैटलाइट और मिसाइल 11 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से एक-दूसरे की तरफ बढ़ रहे थे। एकदम सटीकता के साथ दुश्मन के सैटलाइन को मार गिराने वाली इस कॉवर्ट टेक्नॉलजी को डिवेलप करने वाला भारत पहला देश बना। खास बात है कि ने इस पूरे सिस्टम को बनाने, डिजाइन करने, इंटिग्रेट और सफलतापूर्वक परीक्षण करने में सिर्फ 2 साल का समय लिया।
वहीं ADTCR का इस्तेमाल मित्र और दुश्मन देश की सेटलाइट, मिसाइल की पहचान के लिए होता है। इससे बहुत छोटे और नीचे उड़ रहे टागेट का भी पता लगाया जा सकता है। इसे ने बनाया है। इस रेडार को समतल इलाकों, रेगिस्तान या पहाड़ कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
Source: National