केरल: गवर्नर आरिफ के खिलाफ विपक्ष लामबंद

कोच्चि
केरल में अब कांग्रेस के नेतृत्‍व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने राज्‍यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों ने विधानसभा अध्‍यक्ष से राष्‍ट्रपति द्वारा राज्‍यपाल को वापस बुलाने के लिए विधानसभा में प्रस्‍ताव पेश करने की अनुमति मांगी है। इससे पहले केरल की सत्‍तारूढ़ एलडीएफ भी कई मुद्दों पर राज्‍यपाल को घेर चुकी है।

इस कदम की पुष्टि करते हुए विपक्ष के नेता रमेश चेन्‍न‍िथला ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान को वापस बुलाने की मांग इसलिए जरूरी है क्‍योंकि राज्‍यपाल लगातार नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा की ओर पारित प्रस्‍ताव पर लगातार आपत्ति जता रहे हैं। यह विधानसभा के अपमान के समान हैं। साथ लोगों की भावनाओं को खारिज करने जैसा है।

चेन्निथला ने कहा, ‘यदि राज्‍यपाल को प्रस्‍ताव पर आपत्ति है तो उन्‍हें विधानसभा अध्‍यक्ष को लिखित में बताना चाहिए। विधानसभा के कदम पर उनका सवाल उठाना और विरोध करना स्‍वीकार्य नहीं है।’ उधर, आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य विधानसभा में अपने खिलाफ प्रस्ताव पेश करने की विपक्षी दल कांग्रेस की योजना का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि वह संविधान के अनुसार काम कर रहे हैं।

‘हर किसी को अपनी राय रखने का हक’
कांग्रेस के प्रस्‍ताव के बारे में जब खान से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘स्वागत है।’ उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा, ‘हर किसी को अपनी राय रखने का हक है। मैं राज्य का संवैधानिक प्रमुख हूं। सरकार को सलाह देना, परामर्श देना, प्रेरित करना और आगाह करना मेरा कर्तव्य है।’ उन्होंने कहा, ‘संविधान और उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई व्याख्या के अनुसार यह मेरी जिम्मेदारी का हिस्सा है।’

खान ने कहा कि सरकार के साथ कोई टकराव नहीं है, लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें सूचित किए बगैर सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करने का राज्य का कदम सही नहीं है। पिछले कुछ सप्ताह से राज्य सरकार के साथ टकराने वाले खान ने कहा, ‘विचार अलग हो सकते हैं लेकिन इसे टकराव नहीं कहा जा सकता।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने विधायी कामकाज के नियम 130 के तहत विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगने के लिए अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन को नोटिस दिया है।

Source: National

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