शेल्टर होम केस: सजा पर 4 फरवरी को बहस

नई दिल्ली
बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट में सजा पर फैसला आज टल गया। जज के छुट्टी पर रहने के कारण फैसला टला है। सजा सुनाने की नई तारीख 4 फरवरी है। बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया है। इन सभी को शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया है। अदालत ने एक आरोपी मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में दोषी ठहराया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था।

34 छात्राओं से हुआ था यौन उत्पीड़न
मुजफ्फरनगर के बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीली दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था।

सामाजिक कल्याण विभाग के अफसर भी थे शामिल
केस में सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में कर्मचारी भी शामिल थे। वे भी मासूम बच्चियों को दरिंदगी का शिकार बना रहे थे। यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे।

विधायक का चुनाव लड़ चुका है ब्रजेश
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने 2000 में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गया था। आरोपियों में 12 पुरुष और आठ महिलाएं शामिल थी।

2018 में सामने आया था यह सनसनीखेज मामला
यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंसेज की ओर से 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट के बाद सौंपने आया था।इस रिपोर्ट में किसी आश्रय गृह में पहली बार नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ था।

Source: National

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