निर्भया: मुकेश की याचिका पर फैसला कल

नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल इस मामले का फैसला सुनाया जाएगा। मुकेश ने 1 फरवरी वाले डेथ वॉरंट को टालने और राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के विरोध में गुहार लगाई थी। दिल्ली की एक कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए एक फरवरी की तारीख तय की है।

दोषी के वकील ने दी दलील, दया याचिका पर फैसला विवेक से हो
मुकेश की ओर से पेश वकील अंजना प्रकाश ने कहा कि न्यायिक फैसले की समीक्षा का अधिकार नही रखते, लेकिन मौत के मामले की उनको संविधान के तहत समीक्षा का अधिकार है। मुकेश के वकील ने कहा कि गवर्नर और राष्ट्रपति दया याचिका के मामले में आपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अंजना प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा, ‘मानवीय फैसलों में चूक हो सकती है। जीवन और व्यक्तिगत आजादी से जुड़े मसलों को गौर से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा- ‘माफी का अधिकार किसी की व्यक्तिगत कृपा न होकर, संविधान के तहत दोषी को मिला अधिकार है। राष्ट्रपति को मिले माफी के अधिकार का बहुत जिम्मेदारी से पालन जरूरी है।’

सॉलिसिटर जनरल ने मुकेश की याचिका का किया विरोध
मुकेश की वकील की जिरह पूरी होने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस शुरू की। पुलिस की तरफ से तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह भी देखे जाने की जरूरत है कि आज जीवन के मूल्य ( Value of Life ) की वकालत कौन कर रहा है उसके लिए जीवन का मूल्य क्या था। तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही कहा था कि दया याचिका को लंबित रखना अमानवीय है। सरकार ने कोर्ट की इस भावना का सम्मान किया है। राष्ट्रपति ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर बिना विलंब के याचिका पर फैसला किया। यह आरोप सही नहीं है कि मनमाने ढंग से दया याचिका खारिज की गई। तुषार मेहता ने कहा कि जेल में दुर्व्यवहार के आरोप की सुनवाई इस स्टेज में सुप्रीम कोर्ट में नहीं की जा सकती। दोषी यह आधार नहीं ले सकता। जिसने एक लड़की के साथ इतनी क्रूरता की, वह जेल में दुर्व्यवहार की बात कर रहा है।

फांसी टालने के लिए दोषी कर सकते हैं तिकड़म
तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी देने में अभी कई तरह के पेच आ सकते हैं। दरअसल, चारों में से मुकेश को छोड़कर अन्य तीन ने अगर फांसी देने की डेट 1 फरवरी से पहले 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक राष्ट्रपति के नाम दया याचिका दे दी तो इनकी फांसी रुक सकती है। हालांकि, अगर इन्होंने 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे के समय को क्रॉस कर दिया तो फिर इनके दया याचिका का भी कोई फायदा नहीं होगा और अगले दिन 1 फरवरी की सुबह 6 बजे इन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कर ली है तैयारी
निर्भया के गुनाहगारों को सजा देने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन आखिरी चरण की तैयारियों में जुटा है। इसी कड़ी में सोमवार को जेल के अंदर चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की रिहर्सल की गई ताकि सभी जरूरी इंतजामों को परखा जा सके। जेल अधिकारियों ने बताया कि यह तीसरा मौका था जब जेल प्रशासन ने डमी एग्जिक्यूशन किया ताकि फांसी पर लटकाने के जरूरी इक्विपमेंट्स को टेस्ट किया जा सके। बता दें कि चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा।

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फांसी टालने के लिए दोषियों के पास अभी हैं ये विकल्प
निर्भया के दोषियों को अगर अभी तक की तय डेट के हिसाब से 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाना है तो ऐसा नहीं है कि वह जब चाहे क्यूरेटिव या दया याचिका लगा सकते हैं। इसके लिए जेल मैन्युअल में एक तय नियम है। इसके तहत क्यूरेटिव दायर करने पर फांसी नहीं रुकेगी। जरूरी है कि इसका फैसला फांसी से पहले हो जाए। दूसरे, अब फांसी केवल दया याचिका दायर करने पर ही होल्ड की जा सकती है। वह भी 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक।

Source: National

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