आजम खान को राहत, जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन मामले में राजस्व परिषद का आदेश निरस्त

प्रयागराज
समाजवादी पार्टी के सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद की जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट की जमीन के मामले में से बड़ा झटका लगा है। परिषद ने ट्रस्ट को नदी, चकरोड और रास्ते की जमीन देने को लेकर टांडा के आदेशों को निरस्त करते हुए प्रकरण मुरादाबाद के मंडलायुक्त के समक्ष भेजकर इसे चार माह में निस्तारित करने को कहा है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के आधार पर वाद दाखिल करके ग्रामसभा की 2.13 एकड़ जमीन जौहर विश्वविद्यालय और कॉलेज की चहारदीवारी के लिए और 14.95 एकड़ जमीन एक ही स्थान पर विश्वविद्यालय के लिए मांग की गई। एसडीएम टांडा ने सात जून 2012 और 13 सितंबर 2012 के आदेशों से विनिमय (एक्स्चेन्ज) स्वीकार करते हुए इंद्राज दुरुस्त करने का आदेश दिया।

इन आदेशों के विरुद्ध सिंगनखेड़ा ग्रामसभा और राज्य सरकार की ओर से आयुक्त के समक्ष अपील दाखिल हुई। आयुक्त के आदेश के खिलाफ साल 2017 में ये दोनों निगरानी दाखिल हुई थी। शासकीय अधिवक्ता रेवेन्यू और ग्रामसभा के वकीलों ने तर्क दिया कि अवर न्यायालय के आदेश से चकरोड/रास्ते की जमीन का विनिमय कर दिया गया जो प्रावधान के विपरीत है। विनिमय के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति भी नहीं ली गई। परिषद के सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने निगरानियों पर मौखिक सुनवाई के बाद दोनों पक्षों से लिखित बहस पेश करने को कहा लेकिन किसी भी पक्ष ने लिखित बहस नहीं दाखिल की।

इसके बाद सदस्य न्यायिक श्याम सुंदर शर्मा ने दोनों निगरानियां स्वीकार कर दोनों अपीलें पुनर्जीवित करते हुए मंडलायुक्त मुरादाबाद को हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और खचेड़ू बनाम बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के अनुक्रम में मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया।

Source: International

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