3 दिन की बहस और 4 महीने बाद रिहाई…चिन्मयानंद को इस आधार पर मिली जमानत

प्रयागराज
शाहजहांपुर जेल में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को जमानत देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट दाखिल होने और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर तीन दिनों तक चली बहस के बाद 16 नवंबर को जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

करीब ढ़ाई महीने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए स्वामी चिन्मयानंद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि, इस मामले में पीड़िता छात्रा को 4 दिसंबर 2019 को ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। जस्टिस एस डी सिंह की एकलपीठ ने पीड़िता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 4 नवम्बर 2019 को चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसी आधार पर कोर्ट ने पीड़िता की जमानत मंजूर की थी कि इसके कोई और विवेचना करनी शेष नहीं है। ऐसे में पीड़िता को जेल में रखने का भी कोई औचित्य नहीं है।

ब्लैकमेलिंग के आरोपियों को भी मिल चुकी है जमानत
इसके अलावा स्वामी चिन्मयानंद ने पीड़ित छात्रा के जिन चार साथियों पर ब्लैकमेलिंग और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया था, उन्हें भी कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। गौरतलब है कि इस हाई प्रोफाइल मामले का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच एसआईटी जांच की मानीटरिंग भी कर रही है। इस मामले में अब सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं।

Source: International

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