हिंसा की साजिशों के लिए PFI को किसने पहुंचाए थे पैसे? 50 से अधिक बैंक खाते पुलिस के रेडार पर

प्रेम देव शर्मा, मेरठ
20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ताबड़तोड़ गिरफ्तारी कर रही है। मेरठ जोन से पीएफआई से जुड़े 47 आरोपियों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है, अन्य की तलाश जारी है। इसके साथ ही वेस्ट यूपी में पीएफआई सदस्यों के बैंक खातों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि जोन में अब तक पीएफआई के 75 से 80 सदस्यों की पहचान की गई है। जिनमें से 47 की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक गिरफ्तारी मेरठ जिले से हुई हैं।

उन्होंने बताया कि मेरठ जिले से 21, शामली से 10, गाजियाबाद से 9, मुजफ्फरनगर से 6 और हापुड़ से पीएफआई के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। इसी के साथ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी भी मेरठ जिले से ही हुई है। उन्होंने बताया कि वेस्ट यूपी के सभी जिलों में गठित की गई एसआईटी की टीम इस बात की जांच कर रही हैं कि हिंसा भड़काने के लिए आखिर फंडिंग कहां से की गई? जांच के दौरान जुटाए गए साक्ष्य कोर्ट में पेश किए जाएंगे। इसी के साथ पर्दे के पीछे से हिंसा भड़काने में भूमिका निभाने वालों की भी जांच की जा रही है।

ईडी के खुलासे के बाद जागी पुलिस
कुछ वक्त पहले प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया था कि नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा भड़काने के लिए पीएफआई ने फंडिंग की थी। ईडी की जांच रिपोर्ट में पीएफआई द्वारा भीड़ को भड़काने और हिंसा फैलाने के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मोटी रकम जुटाने का मामला सामने आया था। इस रकम को पीएफआई के देश भर में खुले कुल 73 बैंक खाते में 120 करोड़ रुपए की धनराशि जमा किया जाना बताया गया था। ईडी के खुलासे के बाद पुलिस की नींद टूटी। हिंसा में मेरठ में सबसे ज्यादा 6 लोगों की मौत हुई थी, जिसको लेकर सरकार ने भी गंभीरता दिखाई। पुलिस का कहना है कि सीएए के विरोध में हिंसा कराने के पीछे गहरी साजिश रही। मेरठ में दिल्ली से कुछ युवक हिंसा कराने के लिए आए थे। गिरफ्तार आरोपियों ने भी इसका खुलासा किया था।

खातों में कहां से आए पैसे?
दरअसल, मेरठ की हिंसा से जुड़े मामलों में 18 मुकदमे दर्ज किए गए थे। फिलहाल पुलिस की जांच का फोकस है कि पीएफआई ने किस किस के खाते में रकम जमा कराई थी। पुलिस का कहना है कि मेरठ के परतापुर से गिरफ्तार कारी इरफान के नाम पर अलग-अलग बैंकों में पांच खाते बताए गए हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है। इसी तरह मेरठ में 17 ऐसे खाते हैं, जिन्हें पुलिस ने जांच के दायरे में लिया है। इन सभी का रिकार्ड बैंक अधिकारियों से मांगा गया है।

100 से अधिक लोगों तक पहुंचे पैसे
दूसरी ओर, बिजनौर में 12 खातों की छानबीन की जा रही है। इनमें से एक खाता संदिग्ध माना गया है। पुलिस के मुताबिक बिजनौर जिले में निसारूद्दीन पीएफआई से जुड़ा है। उसी के माध्यम से 100 से ज्यादा लोगों को रकम भिजवाई। रकम बवाल कराने के लिए लोगों को दी गई। पुलिस निसारूद्दीन के अलावा उसके सहयोगियों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी बैंक खातों का रिकार्ड सामने आ जाएगा।

ली जा रही है केंद्रीय एजेंसियों की मदद
अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि हापुड़ कोतवाली पुलिस ने नदीम को गिरफ्तार किया है। नदीम का संबंध पीएफआई से है। आरोपी नदीम के बैंक खातों की जांच कराई जा रही है।एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि वित्तीय लेनदेनों की सूचना समेत संगठन के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है। केन्द्रीय एजेंसियों से भी सहायता ले रहे हैं। हमारा मकसद उनकी पहचान कर उन पर कार्रवाई करना है।

Source: International

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