किस्मत और डॉक्टरों की सही सर्जरी से 3 साल के बच्चे की जान बच गई जिसके सिर में 4 इंच तक तीर घुस गया था। मामला मध्य प्रदेश के अलिराजपुर जिले के आदिवासी गांव का है। सिर में 4 इंच तक घुसे तीर की वजह से बच्चे को असहनीय दर्द हो रहा था और इसी दर्द से कराहते हुए उसने दो दिन तक 200 किमी यात्रा की और इंदौर पहुंचा। इसके बाद एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों ने डेढ़ घंटे तक सर्जरी कर तीर निकाल दिया।
बच्चे की हालत अब स्थिर है और धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। बच्चे के पिता ने बताया कि दोनों 29 जनवरी की रात अपने खेत में सिंचाई करने जा रहे थे, इसी दौरान एक तीर आकर बच्चे के सिर में घुस गया। एक हफ्ते बाद भी परिवार को पता नहीं चल सका है कि तीर किसने मारा था। सिर में घुरे तीर के साथ बच्चे को पहले प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया, इसके बाद 30 जनवरी को एमवाय अस्पताल में रिफर कर दिया गया।
तीर के गहराई तक घुसने से ब्लीडिंग होने का था खतरा
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी हेड डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, ‘बच्चा पूरी तरह होश में था। शरीर के अंग ठीक तरीके से काम कर रहे थे लेकिन तीर काफी गहराई तक घुसा था जिससे ब्लीडिंग होने का खतरा था।’ डॉक्टरों ने एक्स-रे और सीटी स्कैन करके तीर की सही स्थिति का पता लगाया और इसे बाहर निकालने की रणनीति तैयार की। डॉ. गुप्ता ने बताया, ‘बच्चा बेहद भाग्यशाली था। तीर उस जगह नहीं घुसा था जो शरीर के जरूरी अंगों के फंक्शन को नियंत्रित करता है।’
तीर में जंग से बैक्टीरिया फैलने का डर
डॉ. गुप्ता और डॉ. जफर शेख ने अपने सहयोगी डॉ. रश्मि पाल और डॉ. रशपाल की मदद से 31 जनवरी को बच्चे की सफल सर्जरी की। न्यूरोसर्जन ने बताया, ‘ऑपरेशन करीब एक से डेढ़ घंटे तक चला और तब जाकर डॉक्टर सिर से पूरी तरह तीर निकालने में सफल रहे। बच्चे को जल्द ही होश आ गया और अब वह स्थिर है।’ डॉक्टरों की अब सबसे बड़ी चिंता इंफेक्शन की है। जो तीर घुसा था उसमें जंग लगी थी और जिसमें बैक्टीरिया भी हो सकते हैं। डॉक्टर बच्चे की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
Source: Madhyapradesh