केंद्र की मोदी सरकार के अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट को मंजूरी देने के फैसले का शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण करने का निर्णय देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है और इस निर्णय को लागू करना यह सरकार का कर्तव्य ही था। उद्धव की इस बधाई के बाद अब राज्य में उसके सहयोगी दलों कांग्रेस और एनसीपी में खलबली मच सकती है।
सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने बधाई संदेश में कहा, ‘अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण करने का निर्णय देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। इस निर्णय को लागू करना यह केंद्र सरकार का कर्तव्य ही था। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायालय के निर्णय को लागू करने का कर्तव्य निभाया, इसके लिए उनका अभिनंदन।’ विश्लेषकों के मुताबिक इस संदेश के जरिए शिवसेना चीफ ने यह दर्शाने की कोशिश की है कि अयोध्या में राम मंदिर को बनवाने में केंद्र की नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख भूमिका है। केंद्र सरकार केवल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रही है।
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राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को मंजूरी
इससे पहले केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने बताया कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे
बता दें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सत्ता में आने के 100 दिन पूरे होने के मौके पर 7 मार्च को अयोध्या जाएंगे और रामलला के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेंगे। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बताया कि मार्च में उद्धव सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं और 7 मार्च को उद्धव के अयोध्या जाने का कार्यक्रम तय हुआ है। लंबे समय के बाद राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था, ‘आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। सबने इस फैसले को स्वीकार किया है। मैं 24 नवंबर 2019 को अयोध्या जाऊंगा। मैं दो ही बार अयोध्या गया हूं लेकिन बार-बार जाऊंगा। वह जगह ऐसी है कि वहां जरूर कोई शक्ति है।’
पिछले साल भी अयोध्या गए थे उद्धव
इससे पहले शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे 16 जून 2019 को अपनी पार्टी के सभी सांसदों के साथ अयोध्या पहुंचे थे। उस समय उद्धव ठाकरे के इस दौरे को बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति और विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था। तब शिवसेना बीजेपी की सहयोगी पार्टी थी लेकिन अब दोनों के रास्ते अलग हो चुके हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे के अयोध्या जाने के ऐलान से कांग्रेस और एनसीपी में खलबली मची हुई है। दोनों दलों को डर सता रहा है कि इससे मुस्लिम उनसे नाराज हो सकते हैं।
Source: National