मुस्लिम युवाओं के लिए पीएम मोदी ने खोला 'खजाना'

शादाब रिज़वी,
मेरठ
(सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस () को लेकर विरोध झेल रहे प्रधानमंत्री ने अब अल्पसंख्यक युवाओं की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। मुस्लिम युवाओं को देश-विदेश में मुहैया कराने के लिए आसान किश्तों पर और कम ब्याज पर लोन मुहैया कराया जाएगा। यही नहीं, कारोबार कराने के लिए सरकारी खजाना खोलते हुए बीस लाख तक का लोन कम ब्याज पर केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा।

अल्पसंख्यकों को शिक्षा और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 15 साल बाद फिर से टर्म लोन और एजुकेशन लोन स्कीम शुरू की है। स्कीम के तहत वित्त विकास निगम अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को विदेशों में प्रफेशनल कोर्स करने के लिए तीस लाख रुपये का कर्ज आसानी से मुहैया कराएगा। साथ ही अल्पसंख्यकों को उद्योग धंधे लगाने के लिए सिर्फ छह फीसदी ब्याज पर बीस लाख रुपये तक का लोन मिल सकेगा।

‘फिर से केंद्र ने शुरू की है यह स्कीम’मेरठ के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद तारिक के मुताबिक, अल्पसंख्यकों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन) को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 2005 में बंद की गई यह स्कीम केंद्र सरकार ने फिर से शुरू की है। योजना के तहत कारोबार के लिए अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम अल्पसंख्यक समाज के लोगों को सिर्फ छह फीसदी ब्याज पर बीस लाख तक का ऋण देगा। ऋण की वापसी पांच साल में हर तीसरे महीने 20 किश्तों में की जा सकेगी। योजना के लिए अल्पसंख्यक समाज के लोगों और छात्रों को जागरूक किया जाएगा।

ऐसे होगा पात्रों का चयन
अधिकारी ने बताया कि इसमें भारत में पांच साल की पढ़ाई करने वाले बच्चों को बीस लाख और विदेश में पढ़ाई करने वालों को तीस लाख रुपये तक एजुकेशन लोन पांच और आठ फीसदी वार्षिक ब्याज दर पर मिलेगा। पात्रों के चयन इंटरव्यू के आधार पर डीएम की अध्यक्षता में बनने वाली कमिटी करेगी।

Source: International

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