ट्रस्ट में नृत्य गोपाल दास को नहीं मिली जगह, छावनी में बीजेपी नेताओं की एंट्री पर 'बैन'

अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन कर दिया। ट्रस्ट में महंत का नाम न होने की वजह से संतों के एक गुट की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। में गुरुवार को अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा को प्रवेश से रोक दिया गया। इसके साथ ही राजनीतिक खेमे में भी हड़कंप मच गया है।

उधर, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने कहा है कि ट्रस्‍ट में अयोध्‍या के संतों के साथ अन्‍याय हुआ है। उन्‍होंने कहा कि राम मंदिर अब वे लोग बनाएंगे, जिन्‍हें कुछ भी पता नहीं है। इस बीच संतों ने गुरुवार शाम 3 बजे एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें कोई अहम फैसला हो सकता है।

ट्रस्ट में नुमाइंदगी से नाराज हैं संत
इस बैठक के बाद संत केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी राय रख सकते हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के बनाए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट में नुमाइंदगी को लेकर कुछ संत नाराज हैं। इस ल‍िहाज से यह बैठक काफी अहम है। बताया जा रहा है कि ट्र्स्ट में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से नाराज संत आंदोलन का ऐलान कर सकते हैं।

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‘अयोध्या में नहीं घुसने देंगे’
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास का कहना है, ‘हम इस ट्रस्ट को मानने के तैयार नहीं हैं। इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है। जो राम मंदिर आंदोलन के लिए लगे रहे और कुर्बानी दी उनको ट्रस्ट से दूर रखा गया है।’ कमल नयन दास ने कथित रूप से राम मंदिर आंदोलन से नाता नहीं रखने वाले लोगों को ट्रस्ट में लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

Source: International

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