विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनी, वादियों में गूंजा ‘ बेमिसाल बैलाडीला ‘
बैलाडीला।बचेली लौहनगरी में सृष्टि के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से संपन्न हुई बीते दिनों एनएमडीसी परियोजना के विभिन्न कार्यस्थलों में भगवान विश्वकर्मा की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की गई । परियोजना के संयंत्र भरण, छनन, दलन, केन्द्रीय कर्मशाला, सिविल विभाग में भव्य व आकर्षक पंडालों का निर्माण कर विश्वकर्मा भगवान की मूर्तियां स्थापित की गई थी। इसके अलावा निजी कारोबारियों द्वारा भी जगह-जगह पूजा का आयोजन किया गया । वही मौसम खुला होने से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे व दिनभर लौहनगरी में मेले जैसा माहौल रहा है । यहां से 24 किमी दूर पहाड़ी पर आकाशनगर में सैलानियों का सैलाब उमड़ता रहा। इस मौके पर प्रबंधन द्वारा सैलानियों के लिए दिनभर बस सेवा सुचारू रूप से चलाई गई , बैलाडीला की पहाड़ियों पर घूमने के लिए साल में एक बार विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा छूट दी जाती है । इस दिन का भरपूर फायदा उठाते हुए स्थानीय नागरिको के अलावा जगदलपुर, गीदम, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नकुलनार से हजारों की संख्या में दर्शक पहुंचे । अन्य दिनों में प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्र व संयंत्रों को देखने के लिए अनुमति नहीं देती है। सुरक्षा के मददेनजर सी.आई.एस.एफ व पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात थे ।
बैलाडीला भ्रमण के उद्देश्य से बुधवार को सुबह से ही वाहनों का रेला लगना शुरू हो गया था। दंतेवाड़ा, गीदम, जगदलपुर, कोंडागांव, कांकेर, सुकमा, कोंटा के अलावा राजधानी रायपुर से लोग विभिन्न माध्यमों से लौहनगरी पहुंचे थे। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बारिश हो रही थी, लेकिन बुधवार को आसमान सापᆬ था। सुबह धूप खिली हुई थी। पहाड़ियों पर मौसम खुशनुमा बना हुआ था। छूट का पᆬायदा उठाते बसों व चारपहिया वाहनों से आकाश नगर एवं किरंदुल स्थित कैलाश नगर पहुंचे लोगों ने खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठाया।
दुर्घटना की आशंका से दोपहर तक दुपहिया वाहनों को पहाड़ियों में जाने की इजाजत नहीं थी। दोपहर बाद प्रतिबंध हटते ही दुपहिया वाहनों का रैला लग गया। इससे पहाड़ी चोटी पर घड़ी-घड़ी जाम लगता रहा। स्थिति संभालने सीआईएसप जवानों को काफी मशक्कत करना पड़ी। शाम करीब 4 बजे पहाड़ी का मौसम पूरी तरह बदल गया। ऊंची-ऊंची हरी-भरी पहाड़ियों को बादलों ने ढंक लिया। बैलाडीला की खूबसूरत वादियों के इस नजारे को देखने लोग सहस ठहर गए थे। पहली बार बैलाडीला आए सैलानी बैलाडीला की नैसर्गिक सुंदरता को देख कर अशर्यचाकित नज़र आए ,वहीँ सभी पर्यटकों के जुबान पर एक बात थी बेमिसाल बैलाडीला