UP: करॉना की दहशत, मंदिर पर जड़ा ताला

बहराइच/श्रावस्ती
चीन में करॉना वायरस से भयावह हालात हैं। पांच सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग इसकी चपेट में हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मशहूर बौद्ध तीर्थस्थल श्रावस्ती में भी इसका असर देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों की मौजूदगी वाले श्रावस्ती के डेन महामंकोल मंदिर पर ताला लगा दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने मुख्य द्वार पर नोटिस बोर्ड लगाते हुए गेट पर ताला लगाकर देसी-विदेशी पर्यटकों का प्रवेश अनिश्चित काल के लिए रोक दिया है।

मंदिर के नोटिस बोर्ड पर लिखा है, ‘करॉना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मंदिर को अनिश्चित समय के लिए बंद कर दिया गया है। हालात में सुधार के बाद मंदिर को फिर खोल दिया जाएगा।’ उपजिलाधिकारी राजेश मिश्र ने बताया, ‘बौद्ध स्थली श्रावस्ती में डेन महामंकोल एक विदेशी संस्था द्वारा बनवाया हुआ मंदिर है। एहतियातन उन्होंने मंदिर को बंद किया है क्योंकि श्रावस्ती में बहुत बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं।’

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जिले में अभी करॉना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है फिर भी एहतियातन मंदिर को बंद किया गया है। उधर, बहराइच में नेपाल के रास्ते चीन से लौटे एमबीबीएस छात्रों को होम आइसोलेशन में रखने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं। हाल ही में चीन से लौटे दो छात्रों को उनके घर में ही रहने को कहा गया है। स्वास्थ्य महकमे के लोग 12-12 घंटे पर दोनों छात्रों का परीक्षण करके उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दे रहे हैं।

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करॉना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मठ, मंदिरों और होटलों की निगरानी भी की जा रही है और एहतियात के तौर पर लोगों को मास्क लगाने की भी सलाह दी जा रही है। पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक इन दिनों यहां विदेशी पर्यटकों की मौजूदगी सबसे अधिक होती है, लेकिन इस बार उनकी संख्या घटकर आधे से भी कम रह गयी है।

श्रावस्ती में बारिश के मौसम के बाद हर साल चीन, जापान, थाईलैंड, श्रीलंका, कोरिया, म्यांमार सहित कई देशों के करीब दो लाख से अधिक बौद्ध भिक्षु और धर्मावलम्बी आते हैं। सर्दियों में अनेक मंदिरों में विशेष ध्यान सत्र चलाए जाते हैं। मंदिरों में बौद्ध भिक्षु और विदेशी धर्मावलंबी मौन व्रत रखकर विशेष पूजा करते हैं।

Source: National

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