प्रयागराज माघ मेले में कांग्रेस सेवा दल की ओर से शुक्रवार को पर लिखी विवादित पुस्तक बांटी गई। कांग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन कांग्रेस सेवा दल कार्यकर्ताओं के बीच बांटी गई यह विवादित पुस्तक इससे पहले कांग्रेस की ओर से देश के कई दूसरे शहरों में भी बांटी गई थी। दिल्ली और भोपाल में पर लिखी 16 पन्ने की पुस्तक बांटे जाने पर काफी बवाल मचा था। ‘वीर सावरकर कितने वीर’ शीर्षक से लिखी गई यह पुस्तक पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में यह चर्चा का मुद्दा भी बनी हुई है। इस पुस्तक में विनायक दामोदर सावरकर को लेकर कई आपत्तिजनक बातें कही गई हैं।
पुस्तक में इस बात पर सवाल उठाए गए हैं कि, विनायक दामोदर सावरकर वीर थे या नहीं। इस पुस्तक में उनके जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए नकारात्मक छवि पेश करने की कोशिश की गई है। पुस्तक में कहा गया है कि हिंदू महासभा सावरकर के नीचे काम करने वाली कट्टरपंथी विंग है, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की साजिश रची और इसे अंजाम दिया। इसके साथ ही पुस्तक में कई ऐसे बातें लिखी गई हैं, जिससे बीजेपी और आरएसएस की नाराजगी होना स्वाभाविक है।
पुस्तक पर कोई प्रतिबंध नहीं: प्रमोद तिवारी
इस विवादित पुस्तक के प्रयागराज माघ मेले में बांटे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि, देश में लोगों को अपनी अभिव्यक्ति की आजादी है और इस पुस्तक पर कोई प्रतिबंध भी नहीं है। इसलिए इसके बांटने पर सरकार को भी कोई आपत्ति नहीं हो सकती है। यह विचारधाराओं की लड़ाई है।
सेवादल के नेता बोले- तथ्यों पर आधारित है किताब
कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रमोद पाण्डेय ने कहा कि, पुस्तक पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है। यदि बीजेपी, आरएसएस और विनायक दामोदर सावरकर के अनुयायियों को किसी भी बात पर कोई आपत्ति है तो उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए। कहा कि, बीजेपी लगातार गांधी और नेहरु को नकारने की कोशिश कर रही है। लेकिन विनायक दामोदर सावरकर कभी नेहरु गांधी के बराबर नहीं हो सकते।
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