रामपुर: खरबों रुपये का सोना, चांदी, हीरा…40 साल बाद भी रहस्‍य बनी हुई है देश की सबसे बड़ी चोरी

रामपुर
कई वर्षों तक राज करने वाले नवाबों की रामपुर रियासत के आखिरी शासक नवाब रजा अली खां की जायदाद के बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नवाबों के आर्मरी के दरवाजे करीब 46 साल बाद खुले हैं। नवाब रजा की संपत्ति के इस बंटवारे के सर्वे के बीच देश की सबसे बड़ी चोरी की घटना पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। खरबों रुपये के सोने, चांदी और हीरे की इस चोरी के पीछे के कई राज आज भी दफ्न हैं। आइए जानते हैं कि कैसे हुई थी यह चोरी…

1980 में सितंबर के अंत में एक शाम एक बच्चा भटकते हुए रामपुर के खास बाग पैलेस तक जा पहुंचा। इस दौरान अचानक उसके पैर से एक चमकीली वस्तु टकरा गई जिसे उसने उठा लिया। यह सोने से बनी त्रिकोणीय प्लेट थी। बच्‍चे ने जब यह प्लेट घर जाकर अपने माता-पिता को दिखायी तो वे इसे रामपुर के नवाब मुर्तजा अली खान के पास ले गए। सोने की प्‍लेट देखने के बाद सब हक्‍का-बक्‍का रहे गए और इसकी जांच शुरू हो गई।

जांच में यह सामने आया कि खासबाग पैलेस में चोरी हुई है। रामपुर पुलिस के पास दर्ज एफआईआर के मुताबिक मुर्तजा अली खान और कई अन्य लोगों ने महल के मैदान से एक निजी शिया वक्फ की संपत्ति की चोरी का आरोप लगाया। नवाब के पैलेस की चोरी का मामला था, इसलिए इसकी सीबीआई ने जांच की। नवाब की पत्नी बेगम सकीना से चाबियां मंगवाकर खासबाग पैलेस का स्ट्रांग रूम खोला गया। इसमें पाया गया था कि महल के बीच में बना स्ट्रॉगरूम ठीक था, लेकिन वहां से बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोना, चांदी, बर्तन आदि गायब थे।

जांच में किसी अपने के ही हाथ होने के संकेत
सीबीआई की जांच में किसी अपने के ही हाथ होने के संकेत मिले। यह चोरी खरबों रुपये की मानी गई थी। इस मामले में सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ जवान शिवपूजन यादव को बर्खास्त कर दिया गया। सीआरपीएफ जवान की बर्खास्तगी के बाद इस पूरे मामले को दबा दिया गया लेकिन सीबीआई उस जवान पर नजर बनाए रही। इस बीच शिवपूजन ने तीन जीप खरीदीं, दो आलीशान घर बनवाए। शक बढ़ा तो सीबीआई ने शिवपूजन को उसके आजमगढ़ स्थित आवास से पकड़ लिया। शिवपूजन से 1.414 किलोग्राम सोना और चांदी के 10 टुकड़े बरामद किए गए थे।

उस समय के आजमगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंद्र भानु सत्पथी ने जब बरामद हुए शाही सोने, चांदी और कुछ बारीक कटे हीरों का मूल्यांकन कराया तो इसका मूल्य लगभग दो करोड़ रुपये आंका गया। इस खुलासे के काफी समय बाद तक बहुत से दावे होते रहे, लेकिन चोरी की इस घटना का पूरी तरह से खुलासा आज तक नहीं हो सका। नवाब खानदान की संपत्ति का सर्वे शुरू हो गया है और एक बार फिर यह चोरी चर्चा में बनी हुई है।

स्ट्रांगरूम में था 60 किलो सोना, हीरे के ताज
खासबाग पैलेस के स्‍ट्रांगरूम में 60 किलो सोना, हीरे के ताज, सोने-चांदी के बर्तन, सोने के अलम और कई बेशकीमती धरोहरें थीं। देश में 1963 में लागू गोल्ड कंट्रोल के चलते नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां ने इसकी लिस्ट तैयार कराकर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कार्यालय में जमा कराई थी, लेकिन चोरी के बाद यह लिस्ट ही कार्यालय से गायब करा दी गई थी। 1956 में मिक्की मियां ने पैलेस छोड़ दिया था। 1967 में राजमाता रफत जमानी बेगम ने भी कोठी खासबाग छोड़ दी थी। तब पैलेस नवाब मुर्तजा अली खां के कब्जे में था।

Source: International

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