में भारतीय जनता पार्टी-पीपल्स डेमॉक्रैटिक पार्टी की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे नईम अख्तर पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट लगाया है। पीडीपी के नेता नईम अख्तर फिलहाल जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं। नईम की गिनती पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है और वह पूर्व में की सरकार में शिक्षा और लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। नईम से पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और महबूबा मुफ्ती पर भी पीएसए लगाया जा चुका है।
संविधान से अनुच्छेद 370 और 35A के खात्मे के बाद से नजरबंद चल रहे राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ गुरुवार को प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर लिया। पीएसए लागू होने के बाद अब इन दोनों नेताओं को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। उमर के पिता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी इसी कानून के तहत अपने घर में हिरासत में हैं।
गुरुवार को खत्म हो रही थी महबूबा-उमर की हिरासत
इससे पहले उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की 6 महीने की एहतियातन हिरासत की अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी लेकिन पीएसए लागू होने के बाद अब दोनों नेताओं को लंबे समय तक हिरासत में रहना होगा। बता दें कि जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) उन लोगों पर लगाया जा सकता है, जिन्हें लोगों की सुरक्षा और शांति के लिए खतरा माना जाता हो। यह देश के अन्य राज्यों में लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तरह से है। वर्ष 2010 में इसमें संशोधन किया गया था, जिसके तहत बगैर ट्रायल के ही लोगों को कम से कम 6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार चाहे तो इस अवधि को बढ़ाकर दो साल तक भी किया जा सकता है।
Source: National