महाराष्ट्र के वर्धा जिले में जिंदा जलाई गई महिला लेक्चरर ने एक हफ्ते तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया। लेक्चरर अंकिता पिसुड्डे का एक शख्स काफी समय से पीछा कर रहा था और तीन फरवरी को उसने अंकिता को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना को लेकर वर्धा में काफी उबाल देखा गया था। इस बीच किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए नागपुर के अस्पताल के आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
सोमवार सुबह 7.43 बजे अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया कि आग में अंकिता बुरी तरह झुलस गई थीं और आज उन्होंने दम तोड़ दिया। शुक्रवार देर रात से वह वेंटिलेटर पर थीं। वर्धा जिले में विकेश नगराले (27) ने हिंगणघाट निवासी अंकिता पिसुड्डे (25) को तीन फरवरी को जिंदा जला दिया था। आग में वह 40 प्रतिशत जल गई थीं। उनका नागपुर के ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर में इलाज चल रहा था।
‘दो साल पहले तक दोस्त था आरोपी’
अंकिता ने बॉटनी में पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री ली थी और वह अपनी बीएड डिग्री पूरी करने वाली थी। अंकिता के रिश्तेदारों के अनुसार नगराले पिछले कुछ समय से अंकिता को परेशान कर रहा था। घटना के कुछ घंटे बाद ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अभी नगराले वर्धा जेल में बंद है। अब उसके खिलाफ हत्या की धारा भी जुड़ेगी। पुलिस ने पहले बताया था कि नगराले पीड़िता का दो साल पहले तक दोस्त था। उसके अनुचित व्यवहार के चलते अंकिता ने उससे संबंध खत्म कर लिया था, जिसके बाद वह उसका पीछा करने लगा।
हिंगणघाट के पुलिस निरीक्षक (एसआई) सत्यवीर बंडीवार ने बताया, ‘डॉक्टरों ने आज सुबह छह बजकर 55 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया। अंकिता की मौत के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अस्पताल के आसपास सुरक्षा एहतियातन कड़ी कर दी गई है।’
कई स्थानीय लोगों, महिलाओं और कॉलेज छात्रों ने आरोपी विकेश को मौत की सजा देने की मांग करते हुए वर्धा में पिछले गुरुवार को मार्च निकाला था। राज्य सरकार ने मामले में जाने-माने वकील उज्ज्वल निकम को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है।
Source: National