साल 2012 के दिल्ली कांड से न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि पूरी दुनिया कांप उठी थी। इस कांड की पीड़िता निर्भया का गांव बदहाली से गुजर रहा है। उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित निर्भया के गांव मेरवड़ा कला में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की स्थापना कराई थी। हालांकि, यह आज बदहाल स्थिति में है। यहां ही नहीं रहते। पीएचसी की बदहाली को देखकर ग्रामीणों ने मंगलवार को धरना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे पीके मिश्रा आश्वासन देने की बजाए गांववालों पर ही तंज कसने लगे। निर्भया केस का जिक्र करते हुए सीएमओ ने कहा कि बच्चों को पढ़ने के लिए दिल्ली भेजोगे तो यही होगा।
आपको बता दें कि निर्भया इसी मेरवड़ा कला गांव की बेटी थी, जो दिल्ली में दरिंदों की शिकार हो गई थी। तत्कालीन एसपी सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया, जहां आज भी स्थिति सुधर नहीं हो सकी है। इसी के खिलाफ ग्रामीणों ने धरना शुरू किया तो मौके सीएमओ भी पहुंचे।
’17 साल डॉक्टरी पढ़ाने की ताकत है?’
ग्रामीणों से सीएमओ ने कहा, ‘मेरी बात आप लोग सुनिए। यहां 17 साल डॉक्टरी पढ़ाने की ताकत है? अगर डॉक्टर बनाने की क्षमता नहीं है तो डॉक्टर कहां से आएंगे।’ इसपर सीएमओ से लोगों ने कहा कि डॉक्टर बनाने के लिए ही दिल्ली भेजा था, निर्भया का नाम आपने नहीं सुना? इस पर सीएमओ ने जवाब दिया कि दिल्ली भेजोगे तो यही होगा।
सीएमओ ने कहा-ऐसा कुछ नहीं हुआ
ग्रामीणों से अमर्यादित भाषा में बात करने का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बारे में जब सीएमओ पीके मिश्रा से से बात की गई तो वह सीधे तौर पर कन्नी काट रहे हैं। उनके मुताबिक, ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक चिकित्सक हमेशा तैनात रहता है और हर कमी दूर की जाएगी।
Source: International