अमानतुल्लाह की जीत ने बताया मुस्लिमों का मूड

नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के बंपर जीत के पीछे का एक कारण मुस्लिम मतदाताओं का की पार्टी पर बड़ा भरोसा जताना भी है। लोकसभा चुनाव में आप को छोड़ कांग्रेस की तरफ जाने वाले विधानसभा चुनाव में आप को जबरदस्त समर्थन दिया। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। आप के गठन के साल 2013 से ही मुस्लिम वोटर इस पार्टी की तरफ गए और कांग्रेस का दामन छोड़ते चले गए। 2015 के विधानसभा चुनाव में यह समर्थन और मजबूत और 2020 के चुनाव ने तो साबित कर दिया का कांग्रेस का परंपरागत वोटर अब उसका साथ छोड़ चुका है।

ओखला में कांग्रेस को महज 5 हजार वोट!
इस चुनाव में ओखला विधानसभा सीट के का मुद्दा छाया रहा है। लेकिन अगर यहां से आप के उम्मीदवार के अमानतुल्लाह खान खान की जीत का अंतर देखने से साफ पता चलता है कि मुसलमानों ने इस पार्टी को किस कदर समर्थन दिया है। स्थिति यह रही कि तीन बार के कांग्रेस विधायक रहे परवेज हाशमी को महज 5,107 वोट ही मिले। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आसिफ मोहम्मद खान को 20,135 वोट मिले थे।

पढ़ें,

आप के अमानतुल्लाह खान को मिले 66% वोट
खान को ओखला विधानसभा में 1.3 लाख वोट मिले और उन्होंने के ब्रह्म सिंह को 71,827 वोटों से हराया। 2015 के चुनाव में खान ने ब्रह्म सिंह को 64,532 के अंतर से हराया था। अमानतुल्लाह खान खान को 66% वोट शेयर मिले जबकि कांग्रेस को महज 2.5% वोट ही मिले।

पढ़ें,

आप की रणनीति रही कामयाब
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तगड़े विरोध का केंद्र रहे शाहीन बाग के कारण ओखला विधानसभा काफी अहम मानी जा रही थी। यहां आप ने विकास को मुद्दा बनाया था जबकि बीजेपी शाहीन बाग के जरिए ध्रुवीकरण की राजनीति की थी। आप ने विरोधियों के खिलाफ कोई साफ स्टैंड नहीं लिया और वह इससे दूर ही रही जबकि कांग्रेस CAA और NRC पर काफी आक्रामक रही थी। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था जीत मिलने पर वह दिल्ली विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार से इसे हटाने का आग्रह करेगी। कांग्रेस ने यह भी वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आएगी तो NRC लागू नहीं करेगी। लेकिन मुस्लिम समुदाय को कांग्रेस के वादे पर भरोसा नहीं हुआ। कांग्रेस मुसलमानों को यह भरोसा देने में कामयाब नहीं हो पाई कि वह बीजेपी को सत्ता से दूर रख पाएगी।

पढ़िए,

‘आप ने सोच-समझकर उठाया था जोखिम’
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नीरा चंडोक ने कहा, ‘आप ने शाहीन बाग पर कोई स्टैंड नहीं लिया, जो काफी निराशाजनक था लेकिन यह काफी सोच-समझकर लिया गया जोखिम था और मुसलमानों ने फिर भी उन्हें वोट किया।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि कांग्रेस ने अपना अभियान तेज नहीं किया और चुनाव से कुछ पहले जमीन पर प्रचार के लिए उतरी। कांग्रेस दिशाहीन होकर उतरी और वोटरों ने उसे भाव नहीं दिया।’

यह भी पढ़ें,

आप ने मुस्लिम बहुल सभी 5 सीटों पर दर्ज की जीत
आप ने दिल्ली के सभी पांच मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जोरदार प्रदर्शन किया और बड़ी जीत दर्ज की। सीलमपुर में आप के अब्दुल रहमान ने बीजेपी के कौशल कुमार मिश्रा को 36,992 वोटों से हराया जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता चौधरी मतीन अहमद यहां तीसरे नंबर पर रहे। बता दें कि यहां भी CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। बल्लीमरान में आप के इमरान हुसैन ने 36,178 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून युसूफ को केवल 4,797 वोट ही मिले। मटियामहल में आप के शोएब इकबाल ने 50,226 वोटों से जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के मिर्जा जावेद अली को महज 3,403 वोट ही मिले।

Source: National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *