कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेले जा रहे रणजी मुकाबले के दौरान बीसीसीआई के एक कॉमेंटेटर के बयान से नया विवाद शुरू हो गया है। गुरुवार को मैच के दौरान ही उन्होंने कहा, ‘हर भारतीय को आनी चाहिए क्योंकि यह हमारी मातृभाषा है।’
बड़ौदा की पारी के दूसरे ओवर के दौरान जब दो में से एक कॉमेंटेटर ने कहा, ‘मुझे अच्छा लगता है कि सुनील गावसकर हिन्दी में कॉमेंट्री कर रहे हैं साथ ही अपनी कीमती राय भी वह इसी भाषा में दे रहे हैं। मुझे यह भी अच्छा लगता है कि वह डॉट बॉल को ‘बिंदी’ बॉल कहते हैं।’
इस पर दूसरे कॉमेंटेटर ने जवाब दिया, ‘हर भारतीय को हिन्दी आनी चाहिए। यह हमारी मातृभाषा है। इससे बड़ी और कोई दूसरी भाषा नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘दरअसल, मुझे उन लोगों पर बहुत गुस्सा आता है जो कहते हैं कि हम क्रिकेटर हैं और अब भी हम हिन्दी में बात करनी चाहिए? आप भारत में रह रहे हैं तो आपको जाहिर तौर पर हिन्दी बोलनी चाहिए, यह हमारी मातृभाषा है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टिप्पणी करने वाले कॉमेंटेटर का नाम सुनील दोषी है।
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई। और कुछ लोगों ने इसे आपत्तिजनक भी माना।
बुधवार को न्यू जीलैंड के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे इंटरनैशनल के दौरान भारतीय बल्लेबाजों केएल राहुल और मनीष पांडे कन्नड़ में बात कर रहे थे।
राहुल और पांडे ने पांचवें विकेट के लिए 107 रनों की साझेदारी की थी।
कन्नड़ में हुई उनकी बातचीत में- ओडि ओडि बा (आजा, आजा भाग) बरथीरा (आएगा?), बेडा बेडा (नहीं, नहीं) और बा बा (आजा, आजा)- जैसे शब्दों को सुनकर कर्नाटक के क्रिकेट फैंस जरूर खुश हुए होंगे।
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