पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ की 118वीं बटालियन के जवान महेश यादव के परिजन बेटे की शहादत ने जितने दुखी नहीं हुए, उतना उत्तर प्रदेश सरकार की बेरुखी से दिखते हैं। प्रयागराज के मेजा स्थित टुडिहार गांव निवासी महेश की शहादत के एक साल पूरा होने के बावजूद सरकार की ओर से किया गया वादा न निभाए जाने पर परिवार ही नहीं गांव के लोगों में भी नाराजगी है।
शहीद महेश के पिता राजकुमार यादव का आरोप है कि उनके साथ भेदभाव हुआ। दूसरे शहरों के शहीदों के परिजन को नौकरी मिल गई और भी वादे पूरे कर दिए गए लेकिन उनसे किए गए एक भी वादे पूरे नहीं हुए। उनका कहना है कि यूपी सरकार को देश के लिए होने वाले हर शहीद को एक नजरिए से देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर अगर उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो वह सीएम योगी की चौखट पर अनशन के लिए बाध्य होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से उन्हें ऐसी बेरुखी की उम्मीद नहीं थी।
सरकार ने ये किए थे वादे
राजकुमार के मुताबिक, सरकार ने महेश की शहादत के बाद परिवार के दो सदस्यों की नौकरी, ढाई एकड़ जमीन, एक पेट्रोल पंप/एक स्कूल, शहीद के नाम पर गांव में प्रवेश द्वारा, सड़क सहित तमाम वादे किए थे जो एक साल पूरे होने के बाद भी पूरे नहीं हो पाए हैं। जमीन का कोई कागज उन्हें नहीं मिला। घर तक पहुंचने के लिए सड़क तो मिली, लेकिन बड़ी-बड़ी गिट्टियां बिछाकर मार्ग अधूरा छोड़ दिया गया।
शहीद के पिता ने बताया कि सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते-लगाते जब उनकी उम्मीदें सरकार से खत्म हो गईं तो उन्होंने बरसी के मौके पर अपने घर में ही आयोजन किया। इसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों के अलावा अफसरों को भी आमंत्रित किया। जब यह खबर आला अधिकारियों को हुई तो उन्होंने गुरुवार देर रात ही संदेशा भिजवाया और बेटे व बहू को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलाने के लिए लखनऊ लेकर चले गए। कहा गया कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, सीएम ने मिलने के लिए बुलाया है।
घर आए डीएम-एसएसपी, दी श्रद्धांजलि
जिलाधिकारी प्रयागराज भानुचंद्र गोस्वामी और एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज शुक्रवार दोपहर बाद पुलवामा हमले में शहीद महेश कुमार यादव के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीद के दादा तेजप्रताप और पिता राजकुमार यादव को शाल भेंटकर सम्मानित किया और उनका कुशलक्षेम पूछा। अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें उनके कार्यालय आने की भी जरूरत नहीं है।
Source: International