'हमें नींद की दवा खिलाकर सुला देना पापा, इसके बाद गला दबा देना' कारोबारी ने पत्‍नी-बच्‍चों के साथ दी जान

विकास पाठक, वाराणसी
‘हमें नींद की दवा खिलाकर सुला देना पापा, इसके बाद गला दबा देना।’ वाराणसी में एक परिवार की आत्महत्या की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। व्यापार में घाटे और कर्ज से परेशान एक कारोबारी ने पत्‍नी, बेटे और बेटी की जान लेने के बाद खुद आत्‍महत्‍या कर ली। मरने से पहले कारोबारी ने अपने खौफनाक कदम के बारे में पुलिस को फोन कर सूचना दी थी। पुलिस जांच के अनुसार पूरा परिवार 23 दिन से सूइसाइड की तैयारी कर रहा था।

वाराणसी शहर के आदमपुर इलाके के नचनी कुआं मोहल्‍ले में कारोबारी चेतनु तुलस्‍यान (45) परिवार के साथ रहते थे। मकान के निचले तल पर माता-पिता और ऊपर चेतन पत्‍नी ऋतु (42), बेटे हर्ष (19) और बेटी हिमांशी (17) रहते थे। सुबह 4.35 बजे चेतन ने डायल 112 पर फोन कर सूचना दी कि वह परिवार के साथ खुदकुशी करने जा रहे हैं। पुलिसकर्मी पलट कर फोन मिलाने लगे तो कॉल रिसीव नहीं हुई। बहुत मुश्किल से खोजते हुई पुलिस घर पहुंची तो उनके पिता रविंद्रनाथ ने दरवाजा खोला।

पुलिस के पूछने पर बताया कि घर में सब कुछ ठीक है। चेतन के बारे में पूछने पर रविंद्रनाथ ऊपर गए तो कमरे का दरवाजा नहीं खुला। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो अंदर एक कमरे में बेड पर हर्ष और हिमांशी मृत पड़े थे। दूसरे कमरे में ऋतु का शव बेड पर था और चेतन का शव फंदे से लटक रहा था। कमरे में नींद की दवा की शीशी मिली।

12 पेज का सूइसाइड नोट
दंपती और दो बच्‍चों की मौत की सूचना मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में आईजी रेंज विजय सिंह मीणा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी और एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विभाग की टीम भी पहुंची। कमरे से पुलिस को 12 पेज का सूइसाइड नोट मिला है। इसे कारोबारी की पत्‍नी ने लिखा है। पुलिस के मुताबिक सूइसाइड नोट में कारोबार में घाटे के चलते आर्थिक तंगी बयां करने के साथ ऋतु ने लिखा है कि 20 साल पहले जब वह शादी करके वाराणसी आई तो लगा कि खुशहाल परिवार में शादी हो रही है। पता चला कि पति को कम दिखने की लाइलाज बीमारी है। परिवार के सदस्‍यों का भी जिस तरह सहयोग मिलना चाहिए था, कभी नहीं मिला। सूइसाइड नोट में बेटे-बेटी के हवाले से लिखा है कि ‘हमें नींद की दवा खिलाकर सुला देना पापा, इसके बाद गला दबा देना।‘

पूरी तैयारी के साथ जान दी
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मौके से मिले सूइसाइड नोट और दवाएं आदि देखकर प्रतीत होता है कि पूरी तैयारी और आपसी सहमति से परिवार ने जान दी। सूइसाइड नोट के साथ स्टैंप पेपर पर लिखा एफिडेविट भी मिला है। इसे पिछले महीने 22 जनवरी को बनवाया गया था। इस पर चेतन तुलस्‍यान की तरफ से लिखा है कि मरने के बाद उनकी पूरी संपत्ति गोरखपुर में रहने वाले साले को दे दी जाए। एफिडेविट से साफ है कि कारोबारी और उनका परिवार 23 दिन पहले से मौत की तैयारी कर रहा था। सूइसाइड नोट और एफिडेविट को फॉरेंसिक टीम ने कब्‍जे में लिया है।

चार महीने में दूसरी घटना
वाराणसी शहर में चाहर महीने के इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 30 अक्‍टूबर को हुकुलगंज इलाके में कर्ज और बीमारी से परेशान किशन गुप्‍ता ने पत्‍नी नीलम, बेटी शिखा ओर बेटे उज्‍जवल के साथ जान दे दी थी।

Source: International

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