पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। कोलकाता में हुए ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर ममता ने शुक्रवार को एतराज जताया है। ममता ने कहा, ‘जब मैं रेल मंत्री थीं, तब मेरी टीम को इस परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए ‘बहुत पापड़ बेलने’ पड़े थे। जब मुझे इस उद्घाटन के बारे में भी नहीं बताया गया तो मुझे बहुत बुरा लगा।’
बता दें कि गुरुवार को केंद्रीय रेल मंत्री ने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया था। आमंत्रित सदस्यों की सूची में ममता बनर्जी का नाम गायब होने की वजह से तृणमूल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही थी। इस मेट्रो परियोजना का पहला चरण साल्ट लेक के सेक्टर पांच और साल्ट लेक स्टेडियम को जाड़ने वाला 4.88 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है।
2009-2011 तक रेल मंत्री थीं ममता
ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, ‘हमने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के लिए कड़ी मेहनत की थी। सही मायने में हमें उसकी मंजूरी के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े। जब मुझे इस उद्घाटन के बारे में भी नहीं बताया गया तो मुझे बहुत बुरा लगा।’ कोलकाता में 36 साल पहले 1984 में पहली मेट्रो रेल सेवा शुरू हुई थी। कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो इस शहर में दूसरी मेट्रो सेवा होगी। गौरतलब है कि ममता बनर्जी वर्ष 2009 से 2011 तक रेल मंत्री थीं।
‘कांग्रेस और सीपीएम ने बीजेपी के सामने हथियार डाले’
मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक दलों पर राजनीतिक प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी के सामने राजनीतिक रूप से हथियार डाल देने को लेकर सीपीएम और कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘ कांग्रेस जितना सीपीएम के करीब जाएगी, वह उतना ही अपना महत्व गंवाएगी। जहां भी क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, वहां सही मायने में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है।’ बनर्जी ने यह भी कहा कि वह अन्य मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे एनपीआर की प्रक्रिया नहीं करने की अपील करेंगी क्योंकि यह एनआरसी की भूमिका है।
Source: National