पुलवामा: 1 साल बाद भी अनसुलझे हैं ये सवाल

पुलवामा
पुलवामा आतंकवादी हमले के आज एक साल पूरे हो गए। पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले इस भीषण हमले में भारत के 40 वीर सपूतों को जान गंवानी पड़ी थी। आज इन सीआरपीएफ के जांबाज शहीदों को पूरे देश में जहां नमन किया जा रहा है, वहीं कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले को लेकर कई सवाल उठाए हैं। सालभर बीत जाने के बाद अभी भी एनआईए की जांच जारी है और कई गंभीर सवाल अनसुलझे बने हुए हैं। आइए जानते हैं पुलवामा हमले से जुड़े क्‍या हैं ये अनसुलझे सवाल…

कहां से आया आरडीएक्‍स जैसा घातक विस्‍फोटक
पुलवामा आतंकी हमले की जांच कर रही एनआईए अभी तक यह पता नहीं लगा सकी है कि आत्‍मघाती हम हमलावर ने कार में रखने के लिए इतने उच्‍च कोटि के विस्‍फोटक को कहां से हासिल किया। बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने अपनी विस्‍फोटकों से लदी कार को पुलवामा के नजदीक श्रीनगर हाइवे पर सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था।

द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि विस्‍फोटकों को खुद से खरीदा नहीं जा सकता है। उन्‍होंने कहा, ‘ये युद्ध में इस्‍तेमाल होने वाले विस्‍फोटक आमतौर पर सैन्‍य ठिकानों पर पाए जाते हैं।’ फरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले में 25 किलो प्‍लास्टिक विस्‍फोटक का इस्‍तेमाल किया गया था। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि जिन विस्‍फोटकों को कार में रखा गया था, उनमें अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्‍लीसरीन और आरडीएक्‍स शामिल था।’

चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी एनआईए
पुलवामा हमले की जांच कई समस्‍याओं में घ‍िरी रही। हालत यह रही कि एनआईए चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी क्‍योंकि हमले के सभी संदिग्‍धों की मौत हो गई है। इस हमले के दो संदिग्‍ध मुदसिर अहमद और सज्‍जाद भट की पिछले साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। पिछले साल जून में केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्‍यसभा में कहा था कि पुलवामा हमला ‘खूफिया तंत्र की चूक’ नहीं है।

जैश-ए-मोहम्‍मद का विडियो
इस विनाशकारी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्‍मद ने एक विडियो जारी करके हमले की जिम्‍मेदारी ली। उसने कहा कि इस आत्‍मघाती हमले को आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया जो पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला था। विडियो में डार भी अत्‍याधुनिक हथियारों के साथ द‍िखाई दिया था और उसने कहा था, ‘जब तक यह विडियो आप तक पहुंचेगा, मैं जन्‍नत में रहूंगा।’

इसी तरह जिस कार से जवानों पर हमला किया गया, उसे वर्ष 2011 में पहली बार बेचा गया था और कई बार बाद में बेचा गया। पुलवामा हमले के 10 दिन पहले ही उसे सज्‍जाद भट ने खरीदा था। एनआईए ने कहा कि मुदसिर अहमद खान ने विस्‍फोटकों को मुहैया कराया था। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विस्‍फोट के बाद गाड़ी का ‘इंजन ब्‍लॉक’ नहीं मिला था। उन्‍होंने कहा कि या तो यह विस्‍फोट में नष्‍ट हो गया या पास ही में स्थित नदी में गिर गया।

‘हमले की पूरी साजिश का पता नहीं चल पा रहा’
अधिकारी ने कहा, ‘कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं, क्‍योंकि हमले में मददगार रहे सभी संदिग्‍धों की मौत हो गई है।’ एक अन्‍य अधिकारी ने कहा कि संदिग्‍धों की मौत के कारण पूरी साजिश का पता नहीं चल पा रहा है। अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि कहां से विस्‍फोटक आया। एनआईए ने कहा है कि कार से मिले डीएनए के नमूने डार के पिता से मिल रहे हैं।

डार के विडियो को जैश के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद हसन ने जारी किया था लेकिन वह पाकिस्‍तान में है। बता दें कि गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत जांच एजेंसी को 90 दिनों के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दायर करना होता है। हालांकि अगर संदिग्‍धों की मौत हो गई है तो इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।

Source: National

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