शाह फैसल की नियमानुसार ऐहतियातन हिरासत की 6 महीने की अवधि पूरी होने वाली थी, जिसको देखते हुए अब उन पर पीएसए लगा दिया गया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती पर भी पीएसए लग चुका है।
उमर पर पीएसए के खिलाफ बहन सारा पहुचीं सुप्रीम कोर्ट
शुक्रवार को अपने भाई उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सारा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर 2 मार्च तक जवाब मांगा है। सारा अब्दुल्ला ने मामले पर तुरंत कोई फैसला देने का अनुरोध किया था जिसे कोर्ट ने नहीं माना। इस तरह उमर अब्दुल्ला फिलहाल 2 मार्च तक हिरासत में ही रहेंगे।
क्या है जन सुरक्षा अधिनियम?
जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) उन लोगों पर लगाया जा सकता है, जिन्हें सुरक्षा और शांति के लिए खतरा माना जाता हो। 1978 में शेख अब्दुल्ला ने इस कानून को लागू किया था। 2010 में इसमें संशोधन किया गया था, जिसके तहत बगैर ट्रायल के ही कम से कम 6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार चाहे तो इस अवधि को बढ़ाकर दो साल तक भी किया जा सकता है।
Source: National