उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में गंगातट पर पड़ाव के साथ पीएम जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे उस समय सुरक्षा को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर चेकिंग के दौरान दो दर्जन असलहों के साथ दो तस्कर दबोचे गए। राजकीय रेलवे पुलिस ने जिन दो तस्करों को दबोचा उनके पास दो दर्जन असलहे और 48 मैगजीन मिले।
मेड इन यूएसए लिखे इन पिस्टल को झारखंड के हजारीबाग से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ले जाया जा रहा था। भारी मात्रा में असलहे पकड़े जाने की खबर पाकर आईबी और एटीएस ने भी अपने स्तर से जांच पड़ताल शुरू कर दी। इंसपेक्टर जीआरपी आरके सिंह ने बताया कि रविवार की दोपहर 2 बजे पुलिस द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर रुटीन चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या तीन-चार पर दो संदिग्ध व्यक्ति नजर आए जिनके पास तीन पिट्ठू बैग थे जो काफी भारी लग रहे थे।
शक की बुनियाद पर जांच-पड़ताल
शक की बुनियाद पर पुलिस ने जांच पड़ताल की तो बैग में रखे असलहे के ज़खीरे को देखकर पुलिस सकते में आ गई। पकड़े गए व्यक्तियों को जीआरपी थाने में पूछताछ की गई। पकड़े गए तस्करों ने बताया कि वह झारखंड के बोकारो शहर के रहने वाले जमालुद्दीन और सलीम हैं। पकड़े गए तस्करों ने बताया कि उन्हें हजारीबाग रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति आ कर असलहों से भरा यह बैग दिया। जिसे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पहुंचा देने की हिदायत दी गई।
तस्करों के मुताबिक इन असलहों को पहुंचाने के एवज में उन्हें चंद रुपए मिलते। हालांकि, वे पहली बार हथियारों की सप्लाई के लिए जा रहे थे। उल्लेखनीय है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर पहले भी कई बार भारी मात्रा में तस्करी कर ले जाए जा रहे असलहे बरामद किए गए लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पुलिस कैरियर को तो पकड़ लेती है लेकिन असली मुजरिम तक पहुंच पाती है या नहीं?
Source: International