मध्य प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए कहा है कि वह राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू नहीं करेगी। सरकार ने इस संबंध में सोमवार शाम घोषणा करते हुए कहा कि की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद जिस तरह से देश में संदेह की स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए यहां एनपीआर लागू ना करने का फैसला किया गया है। इससे पहले केरल सरकार ने भी एनपीआर लागू करने से इनकार कर दिया था।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि एनपीआर की नोटिफिकेशन को दिसंबर 2019 में जारी किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून इसके बाद आया है, ऐसे में यह अधिसूचना सीएए से संबद्ध नहीं है। इसके अलावा सीएम कमलनाथ की ओर से इस संबंध में एक स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा गया है कि एनपीआर को मध्य प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। इससे पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के ही समर्थन से बनी महा अघाड़ी सरकार ने 1 मई से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी।
महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा एनपीआर
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने अपने यहां एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। 14 फरवरी को उद्धव सरकार ने कहा था कि आगामी 1 मई से प्रदेश में एनपीआर की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने यह ऐलान करते हुए प्रदेश के सभी अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी करने के लिए कहा। साथ ही संबंधित विभाग को राज्य में एनपीआर और जनगणना की तैयारी करने के निर्देश भी दिए।
Source: Madhyapradesh