सिर्फ 3 देशों की बपौती से नहीं चलेगा क्रिकेट: वॉ

हिंडोल बसु, बर्लिन
वर्ल्ड क्रिकेट में इन दिनों तीन देशों (भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) की तूती बोलती है। लेकिन यह बात ऑस्ट्रेलिया के महान कप्तानों में शुमार दिग्गज खिलाड़ी को पसंद नहीं है। वॉ मानते हैं कि अगर क्रिकेट को दुनिया भर में राज करना है तो इन तीनों बोर्डों को कमाई का हिस्सा दूसरे देशों को भी देना होगा। स्टीव वॉ यहां लॉरेस स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स कार्यक्रम में भाग लेने आए हुए थे। इस कार्यक्रम के इतर उन्होंने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत करते हुए वर्ल्ड क्रिकेट के कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। पेश हैं इस चर्चा के खास अंश…

‘बिग 3’ मॉडल पर आपकी क्या राय है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का राजस्व उत्पन्न करने और लाभ बांटने दोनों में ही वर्चस्व है?अगर आपके पास तीन मजबूत देश ही हैं तब इसके कोई मायने ही नहीं हैं। हमें जिम्बाब्वे, आयरलैंड, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों को भी विकसित करना है। पैसा इन देशों को भी दिए जाने की जरूरत है। मैं समझता हूं कि यह बिजनस है और ‘बिग 3’ किसी और देश से ज्यादा (हिस्सा) चाहते हैं, लेकिन अगर वे चाहते हैं कि यह खेल जीवित बना रहे और आगे प्रगति करे, तब आपको दूसरे देशों को निखारने के लिए इसे शेयर करना ही होगा।

इस साल के अंत में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली सीरीज में आपका फेवरिट कौन है?मैं समझता हूं, ऑस्ट्रेलिया ही फेवरिट होगी। हम पिचों को बेहतर जानते हैं, और यहां डे-नाइट टेस्ट भी होगा, जो भारत के लिए बिल्कुल नया ही है। मैं इस बात को पसंद करता हूं कि विराट कोहली चुनौती स्वीकार करते हैं।

अगर आप दुनिया की बेस्ट क्रिकेट टीम बनना चाहते हैं तो आपको अपने घर से दूर भी जीतना होगा, इतना कि जितना संभव हो। भारत ने पिछली बार 2-1 से सीरीज (ऑस्ट्रेलिया में) जीती और आप भारत से इसका श्रेय नहीं छीन सकते। लेकिन यह भी कहूंगा कि वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई टीम में कोई खास कमजोरी नहीं दिखती, तो यह शानदार सीरीज होने जा रही है।

क्या डे-नाइट यहां टिकेगा?यह शानदार है। यह एक शानदार अवसर है, इस नजारा अद्भुत होता है। ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट खेलने वाला इसका अहसास कभी नहीं भूल सकता। इसके लिए शानदार वातावरण रहता है। यह इस पीढ़ी के लिए एक नई चुनौती है और साथ एक मौका भी है खुद को हर ढंग के माहौल के लिए तैयार करने का और मैं खुश हूं कि भारत यहां खेलने के लिए तैयार हो गया है।

क्या डे-नाइट टेस्ट में फास्ट बोलरों के पास अतिरिक्त लाभ नहीं होता?यह अच्छी चीज है (कि फास्ट बोलरों के पास अतिरिक्त लाभ होता है)। ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट देखना लोगों को पसंद आता है क्योंकि यहां आप खेल के किसी भी पल से अपनी नजरें नहीं हटा सकते। हर गेंद के साथ कुछ हो सकता है। यह गेंदबाजों को अवसर देता है और अच्छे बल्लेबाज रन बनाते हैं।

मेरी नजर में तो यह बहुत अच्छा है कि बोलरों के पास इस खेल में काफी कुछ है। खासतौर से रात के समय में जब परिस्थितियां काफी बदल चुकी होती हैं और तब आपको अपने विकेट बचाए रखने होते हैं। अगर आप बोलिंग कर रहे होते हैं तो आपको विकेट के लिए अटैक करना होता है।

ऑस्ट्रेलिया की तुलना में आप भारतीय फास्ट बोलिंग अटैक को कैसा आंकते हैं?जब भारत में क्रिकेट खेली जाए तब भारत के पास दुनिया का शानदार फास्ट बोलिंग लाइनअप है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई फास्ट बोलर ऑस्ट्रेलिया में घातक साबित होते हैं। जब भारत ऑस्ट्रेलिया में (साल के अंत में) खेलने आएगा, तो ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा थोड़ा भारी रहेगा। लेकिन दोनों टीमें जानती हैं कि दोनों के पास ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जो 20 विकेट ले सकते हैं।

Source: Sports

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