वाराणसी में ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए निकालने की घोषणा करने वाले के नेता सुधीर सिंह को पुलिस ने रविवार को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस लाइन्स में कुछ देर रखने के बाद धारा 151 में उन्हें जेल भेजा गया है।
समाजवादी पार्टी में चाचा-भतीजे के बीच टकराव के बाद शिवपाल सिंह यादव के साथ उनकी पार्टी में शामिल हुए सुधीर सिंह ने चार दिन पहले काशी विश्वनाथ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी। महाशिवरात्रि के दिन उनेंने अस्सी घाट पर काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग तथा श्रृंगार गौरी को मुक्त कराने की शपथ ली। इसी क्रम में रविवार को सुधीर सिंह और आंदोलन से जुड़े लोग मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन के साथ ही कई मुस्मिल धर्मगुरुओं से मिलकर ज्ञानवापी परिक्षेत्र से मस्जिद अन्य शिफ्ट करने का अनुरोध करने वाले थे। इसके बाद सोमवार को सुधीर ने संकटमोचन मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक दंडवत यात्रा निकालने की तैयारी की थी।
दंडवत यात्रा संकटमोचन से शुरू होकर जिस मार्ग से गुजरने वाली थी उसमें मुस्लिम बहुल इलाका होने से खुफिया विभाग ने शांतिभंग होने की रिपोर्ट प्रशासन को दी थी। इसके बाद एसीएम की मौजूदगी में सीओ भेलूपुर के साथ तीन थानों की फोर्स ने रविवार दोपहर सुधीर सिंह के घर को घेरकर उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस के आवास पहुंचने की सूचना पर समर्थक भी पहुंच गए और हर-हर महादेव का उद्धोष करते रहे। किसी ने पुलिस कार्रवाई का विरोध नहीं किया।
लंका थाना प्रभारी इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू है। ऐसे में किसी को किसी ऐसे आयोजन की इजाजत नहीं है, जिससे शहर की कानून व्यवस्था प्रभावित हो। निरोधात्मक कार्रवाई के तहत सुधीर सिंह को 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जेल में अनशन करेंगे
गिरफ्तारी के बाद सुधीर सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी का धार्मिक स्वरूप शुरू से मंदिर का है। बाबा विश्वनाथ को मुक्त कराने के लिए अगर कुछ नहीं कर सकते तो यह जीवन व्यर्थ है। जब तक जेल में रहूंगा तब तक मैं जल-अन्न ग्रहण नहीं करूंगा।
Source: International