तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महामंत्री बनने के बाद पहली बार विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय शनिवार को धार्मिक नगरी अयोध्या पहुंचे। उन्होंने सुबह ही राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया। उनके साथ ट्रस्ट के सदस्यगण विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा भी थे। उनका कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहा। उन्होंने ट्रस्ट के तीनों सदस्यों के साथ मंदिर निर्माण शुरू करने से पहले व्यवस्था को ठीक करने को लेकर मंथन किया। स्टेट बैंक में ट्रस्ट का बैंक खाता खोलने के लिए बैंक अधिकारियों से प्रक्रिया भी शुरू करवाई। वह 84 कोसी परिक्रमा की तैयारी बैठक में भी शामिल हुए।
सवाल: रामलला के भव्य मंदिर निर्माण को लेकर लंबा संघर्ष किया। अब आप को ही मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी मिल गई है। कैसा अनुभव कर रहे हैं। कब तक शुरू हो जाएगा मंदिर का निर्माण कार्य?
जवाब: सबकुछ प्रभु राम की कृपा से ही संभव हुआ। अब बाधाएं दूर हो गई हैं। मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा लेकिन इतनी जल्दी नहीं। राम नवमी पर मंदिर का निर्माण शुरू करना संभव नहीं है। इससे पहले बहुत तैयारियां करनी होगी। भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय देंगे।
सवाल: अयोध्या में 3 व 4 मार्च को ट्रस्ट की बैठक होने की खबर है। क्या इसमें मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख तय हो जाएगी।
जवाब: अयोध्या में फिलहाल ट्रस्ट की बैठक इन तिथियों को नहीं हो रही है। अभी केवल यहां की जरूरी व्यवस्था को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। बैंक में ट्रस्ट का खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें अभी पैन व अन्य कागजात जमा करने हैं। यह काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
सवाल: राम जन्मभूमि न्यास के राम मंदिर मॉडल में परिवर्तन को लेकर क्या कोई निर्णय किया गया है? अगर हां, तो पुराने मॉडल में क्या बदलाव किया जाएगा।
जवाब: राम मंदिर के मॉडल में बदलाव की जो बात करते हैं, वे नहीं चाहते कि राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो। जिस मॉडल पर पत्थर तराशने में 30 साल से ज्यादा लग गए। अब बदलने पर कितने साल और इसकी तैयारी में लगेंगे। ऐसे में यह बात बिलकुल साफ है कि मंदिर के मॉडल में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होगा। जो पत्थर मंदिर कार्यशाला में तराश कर रखे गए हैं। उससे मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। एक बार मंदिर बन जाए। उसके बाद जिसको ऊंचा या इसमें परिवर्तन करवाना होगा, वह करवाएगा। फिलहाल पुराने मॉडल पर ही मंदिर बनेगा।
सवाल: राम जन्मभूमि परिसर का आपने शनिवार को निरीक्षण किया, क्या वहां पहले चरण में परिवर्तन करने की जरूरत है?
जवाब: साफ-सफाई के साथ परिसर का समतलीकरण, रामलला को शिफ्ट करके अलग सुरक्षित जगह पर स्थापित करना, इसके अलावा पत्थरों व निर्माण सामाग्रियों को परिसर में पहुंचाने के लिए मार्ग के निर्माण आदि पर पहले कार्रवाई करनी होगी।
सवाल: स्वामी स्वरूपानंद का आरोप है कि ट्रस्ट में मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों को स्थान नहीं मिला है, क्या कहेंगे?
जवाब: स्वामी स्वरूपानंद जी के आरोप 1985 -86 से सुनते आ रहे हैं। उनसे ज्यादा उनके चेले ही आलोचनात्मक बयान देते हैं लेकिन अबतक मंदिर के लिए किया क्या है। हम अपना काम करेंगे। किसी के विरोध से काम प्रभावित नहीं होगा।
सवाल: का चरणबद्ध प्लान क्या है?
जवाब: राम मंदिर का निर्माण तो शुरू हो गया है, जिसका पहला चरण 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पूरा हो गया। दूसरा, तीसरा चरण, ट्रस्ट की घोषणा व इसकी पहली बैठक होने के साथ से पूरा हो गया। अब इसके आगे के काम होंगे।
सवाल: आखिर कब होगा मंदिर का भूमि पूजन? भारी संख्या में राम भक्त भी पहुंचेंगे। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) क्या व्यवस्था कर रहा है?
जवाब: भारी भीड़ आएगी। इसकी व्यवस्था अयोध्या में ही पूरी नहीं हो पाएगी। बाहर भी उनके रुकने की व्यवस्था करनी पडे़गी। अब कारसेवा से अलग तरह का माहौल है। उस समय तो कारसेवकों ने मंदिरों में जमीन पर सोकर रात काटी थी। फिर भी व्यवस्था की जाएगी।
सवाल: राम जन्मभूमि मंदिर में लंबे रास्ते से गुजरने के बाद दर्शन करने को मिलता है। क्या इसमें बदलाव होगा?
जवाब: अब जहां फाइबर के मंदिर में रामलला को शिफ्ट किया जाएगा। वहां से दर्शन बिना लंबी दूरी तय किए सुलभ रहेगा। लोगों को करीब से दर्शन मिल सके, ऐसी भी व्यवस्था बनाई जाएगी।
Source: International