विपक्ष के पास संसद में बहुमत नहीं है, सीएए को स्वीकार कर लेना ही उचित होगा : कांग्रेस विधायक

इंदौर, 23 फरवरी (भाषा) संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर अपनी पार्टी के रुख से एकदम उलट बयान देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने रविवार को कहा कि चूंकि सीएए में कोई बदलाव करने के लिये विपक्ष के पास संसद में बहुमत नहीं है, इसलिये इसे स्वीकार कर लेना चाहिये। सिंह, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और मध्यप्रदेश के गुना जिले की चाचौड़ा सीट से पार्टी के विधायक हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “सीएए को लेकर देश में पर्याप्त चर्चा, आंदोलन और धरना-प्रदर्शन हो चुका है। सीएए कानून बन चुका है। यह कानून बदलने के लिये संसद में बहुमत चाहिये। लेकिन (विपक्ष के पास) बहुमत है नहीं। ऐसे में मेरे ख्याल में इस कानून को मान लेना ही उचित है।” लोकसभा के पूर्व सांसद ने कहा, “संसद किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों की होती है। जब केंद्र में हमारी (कांग्रेस) सरकार थी, तब हमने भी कई कानूनों में बदलाव किया था। अगर उस वक्त कोई राज्य सरकार हमारा बनाया कानून लागू नहीं करती, तो हमें कैसा लगता?” मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा सीएए के विरोध के मद्देनजर सूबे में इसके लागू होने की संभावना पर सिंह ने कहा कि देश में संसदीय प्रणाली है और इस कानून को हर राज्य को लागू करना ही पड़ेगा। प्रदेश में विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री को मंजूरी देने के कमलनाथ सरकार के फैसले पर कांग्रेस विधायक ने कहा, “राज्य में भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार हमारे लिये खाली खजाना छोड़ कर गयी थी। मौजूदा कांग्रेस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी आय बढ़ाना है। ऑनलाइन शराब बिक्री से सरकारी राजस्व बढ़ेगा।” उन्होंने कहा, “या तो हम प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी लागू कर दें और अगर हम शराबबंदी लागू नहीं करते हैं, तो इसमें कितना फर्क है कि शराब किसी दुकान से बिके अथवा ऑनलाइन बिके?” कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि विदेशी मदिरा की ऑनलाइन बिक्री से सूबे की कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा और शराब की दुकानों में होने वाले झगड़ों पर रोक लगेगी। उन्होंने राज्य सरकार की मेजबानी में मार्च के अंत में यहां निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थान डेली कॉलेज में होने वाले आईफा अवॉर्ड समारोह का आयोजन स्थल बदले जाने की मांग भी की। सिंह ने कहा, “मध्यप्रदेश में आईफा अवॉर्ड समारोह का आयोजन अच्छी बात है क्योंकि इससे सूबे को नयी पहचान मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। लेकिन परीक्षाओं के समय डेली कॉलेज में इस समारोह का आयोजन उचित नहीं है क्योंकि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।”

Source: Madhyapradesh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *