कौल ने रविवार को कहा कि को समाज की अपेक्षाओं और कमजोर लोगों की जरूरतों में बदलाव के अनुसार गति बनाए रखने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन , 2020 के समापन पर न्यायमूर्ति कौल ने धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि दुनिया भर की न्यायपालिकाएं सामाजिक बदलाव , सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के मद्देनजर विकास की बदलती प्रकृति के अनुकूल ढलने , विविधता निर्माण और भेदभाव खत्म करने की साझी भूमिका निभाती हैं।
इस सम्मेलन में अलग-अलग देशों के न्यायाधीशों ने भाग लिया। न्यायमूर्ति कौल ने कहा , ‘जिस प्रकार दुनिया बदल रही है , न्यायपालिका को बदलती अपेक्षाओं के साथ गति बनाए रखने के लिए अपने तालमेल और कल्पना का इस्तेमाल करना होगा। न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि न्यायपालिका वास्तविक अर्थों में लचीली और गतिशील बने और शक्तिशाली , स्थिरता लाने वाले और स्थिति नियंत्रित करने की भूमिका निभा सके।’
उन्होंने कहा , ‘लोगों के भरोसे के बल पर ही कानून का शासन स्थापित किया जा सकता है और न्यायपालिका समाज में बदलाव और सबसे कमजोर एवं असुरक्षित लोगों की आवश्यकताओं को लेकर बेखबर नहीं हो सकती।’ गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों के लिए कोई भी निजता का अधिकार नहीं होता है।
Source: National