पारले जी कंपनी भी छटनी की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खपत में सुस्ती आने के कारण पारले प्रॉडक्ट्स 8,000-10,000 लोगों की छंटनी कर सकती है.
अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइमस में छपी खबर में बताया गया है कि कंपनी 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है. अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ सकता है, क्योंकि सेल्स घटने से कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि, पारले जी बिस्किट आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं.
आपको बता दें कि पारले प्रोडक्ट्स की सेल्स 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है. कंपनी के कुल 10 प्लांट है. इसमें करीब 1 लाख कर्मचारी काम करते है. साथ ही, कंपनी 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी ऑपरेट करती हैं. कंपनी की सेल्स का आधा से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण बाजारों से आता है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि GST लागू होने से पहले 100 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले बिस्किट पर 12 फीसदी टैक्स लगता था. इसीलिए कंपनी उम्मीद लगा रही थी कि GST में आने के बाद टैक्स की दरें 5 फीसदी तक आ सकती है. लेकिन सरकार ने जब GST लागू किया तो सभी बिस्किटों को 18 फीसदी स्लैब में डाला गया. ऐसे में कंपनियों की लागत बढ़ गई. लिहाजा दाम बढ़ाना ही एकमात्र जरिया रह गया. इससे कंपनी की बिक्री पर निगेटिव असर पड़ा. पारले को भी इस दौरान 5 फीसदी दाम बढ़ाने पड़े है. लेकिन सेल्स घट रही है.