पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर तमिलनाडु के में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे। दोपहर डेढ़ बजे के करीब चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग चेन्नै एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। इसके बाद शाम 4 बजे के करीब मामल्लपुरम के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी और चिनफिंग के बीच शाम 5 बजे के करीब मुलाकात होगी। मामल्लपुरम को इतिहास के पन्नों में के नाम से जाना जाता है।
मालूम हो कि पीएम मोदी के निर्देश हैं कि अन्य राष्ट्र प्रमुखों को भारत की विविधता की जानकारी देने के लिए दिल्ली से बाहर के स्थानों पर भी कार्यक्रम किए जाने चाहिए, लेकिन मामल्लपुरम को चुनने की असल वजह है कि इस क्षेत्र का चीन के साथ करीब 1700 साल पुराना रिश्ता है। पीएम मोदी मामल्लपुरम के जरिये चिनफिंग को भारत-चीन के 1700 साल पुराने रिश्तों की याद दिलाएंगे।
पल्लव वंश के राजाओं की सत्ता का केंद्र था महाबलीपुरम
इतिहास के जानकार बताते हैं कि प्राचीनकाल में दक्षिण भारत पर राज करने वाले पल्लव वंश के राजाओं की सत्ता का केंद्र महाबलीपुरम ही हुआ करता था। कहते हैं कि पल्लव वंश के राजाओं और तत्कालीन चीनी शासकों के बीच बहुत ही मैत्रीपूर्ण संबंध थे। चीन की सुरक्षा का जिम्मा पल्लव वंश की सेनाओं के पास था।
यह एक तरह पहला दो पक्षीय समझौता था। इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते भी परवान चढ़े। महाबलीपुरम उसका मुख्य केंद्र था। चूंकि चिनफिंग की इतिहास में विशेष दिलचस्पी है। संभवत: मोदी सरकार ने इस जगह को इसलिए चुना हो।
चीन के बौद्ध भिक्षु शुआनजांग ने किया था दौरा
पल्लव शासन के दौरान मामल्लपुरम में चीन के बौद्ध भिक्षु शुआनजांग ने दौरा किया था। सातवीं शताब्दी में मामल्लपुरम एक बड़ा पल्लव बंदरगाह शहर था। तमिलनाडु से ही बोधिधर्मा चीन के गुआंगडोंग गए थे और वहां पर जैन बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया था। इसके अलावा पल्लव और चोल राजाओं का चीन के फूजिन प्रांत और क्वांगझाउ शहर से व्यापारिक संबंध था।
10 हजार सुरक्षाकर्मी, 500 कैमरों की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की चेन्नै के नजदीक मामल्लपुरम में शुक्रवार को मेजबानी की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इस कार्यक्रम को शानदार बनाने में जितनी मशक्कत की गई है, उतनी ही मेहनत सुरक्षा पर भी की जा रही है। 43 विशेष अधिकारी और 10 हजार पुलिसकर्मी दोनों देशों के नेताओं की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। यही नहीं, 500 सीसीटीवी कैमरे भी चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। 9 आईएएस अधिकारियों और विभिन्न विभागों के 34 वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के तौर पर तैनात किया गया है।
Source: National