कसौटी पर खरा उतरने वाला 'कुंदन' ही बनेगा बीजेपी में ओहदेदार

शादाब रिजवी, मेरठ
चुनाव में शर्तों के साथ ओहदे देने की रणनीति के साथ कार्य कर रही है। सत्तारूढ़ पार्टी का संदेश साफ है कि की कसौटी पर खरा उतरने वाला ‘कुंदन’ ही ओहदेदार बन पाएगा। बीजेपी में ओहदे हासिल करने वालों की लंबी फेहरिस्त है।

बीजेपी के वेस्ट यूपी के एक पदाधिकारी के मुताबिक रविवार और सोमवार को प्रदेश में होने वाले मंडल अध्यक्षों के चुनाव में चुनाव अधिकारियों से कहा गया है कि वह पार्टी के एमपी और एमएलए की सिफारिश कतई नहीं माने। बिना दबाव के काम कर पारदर्शी चुनाव कराएं। अगर किसी मंडल के आधे बूथ अध्यक्षों यह लिखकर दे कि जनप्रितनिधि या दूसरे सीनियर नेता अपने करीबी व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनवाने का दबाव दे रहे हैं, तब वहां चुनाव न कराए।

दागी को न दें ओहदा, सक्रिय सदस्य बनाना जरूरी
बीजेपी के वेस्ट यूपी प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा के मुताबिक मंडल अध्यक्ष और समिति पदाधिकारियों के आवेदक कम से कम दो बार पार्टी का सक्रिय सदस्य रहना अनिवार्य है। दो बार मंडल अध्यक्ष रहने वाला चुनाव नहीं लड़ सकेगा। कैंडिडेट थाने से वांछित न हो, अगर ऐसा है तब वह अयोग्य रहेगा। राजनीतिक मुकदमे होने पर चुनाव लड़ने पर छूट रहेगी लेकिन क्रिमिनल केस होने पर संगठन में जगह नहीं मिलेगी। शर्त यह भी है कि 13 और 14 अक्टूबर को चुनाव उन्हीं मंडलों में होंगे, जहां की कम से कम 80 फीसद बूथ कमिटियों का गठन हो चुका है। कम से कम 200 सक्रिय सदस्य बनाना हर मंडल अध्यक्ष के लिए जरूरी है।

उम्रदराज होंगे जिला कमिटि या मोर्चों में अजस्ट
मंडल स्तर पर जिम्मेदारी हासिल करने के लिए शर्तों को पूरा करना टेढ़ी खीर है। उम्रदराज नेताओं में खलबली हैं। सूत्रों के मुताबिक 50 साल से ऊपर वाले नेताओं के बारे में सोचा जा रहा है कि उनको जिला कमिटि, मोर्चों, प्रकोष्ठों में अजस्ट कर लिया जाए। दरअसल, 30 नवंबर तक जिला स्तर, 15 दिसंबर तक राज्य स्तर के चुनाव होंगे। 15 दिसंबर के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। उसके लिए पहले राज्यों के अध्यक्षों और राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का चयन होगा।

सभी वर्ग से छूटे लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे: सिंह
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का रामपुर और गंगोह उपचुनाव का प्रचार करने के दौरान कहा कि पिछड़ों और दलितों के बीच पार्टी की पैठ और मजबूत करेंगे। केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताकर अधिक लोगों को जोड़ा जा रहा है। सारी तैयारी मिशन 2022 की हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक संगठन चुनाव संपन्न होंगे।

Source: UttarPradesh

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