नगर संवाददाता, गाजियाबाद
रैपिड रेल के लिए नगर निगम की ओर से दी गई साईं उपवन की जमीन देने का मामला गरमा रहा है। पार्षद राजेंद्र त्यागी ने इस मामले में नगर निगम को लीगल नोटिस भेजा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह जमीन रैपिड रेल प्रॉजेक्ट के लिए दी गई तो वह इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना का केस करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी।
Bबोर्ड बैठक में भी किया था विरोध : Bपिछले दिनों नगर निगम ने इस प्रॉजेक्ट के लिए साईं उपवन की करीब 4 हजार वर्ग मीटर जमीन देने का फैसला किया था। इस पर पावर सब स्टेशन बनाने की योजना है। जमीन देने का प्रस्ताव नगर निगम बोर्ड की बैठक में पास हुआ था। तब भी पार्षद ने इसका विरोध किया था।
Bकिसी अन्य काम के लिए नहीं है जमीन : Bनोटिस में पार्षद त्यागी ने 11 अक्टूबर, 2012 को आए हाई कोर्ट के एक आदेश का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया था कि साईं उपवन की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य काम के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा कोर्ट ने नगर निगम को साईं उपवन से गुजरने वाले नाले को पक्का करने और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने को कहा था।
Bआरोप, कोर्ट के आदेश नहीं किया पालन : Bपार्षद त्यागी का आरोप है कि नगर निगम ने कोर्ट के आदेशों का अब तक पालन नहीं किया है। रैपिड रेल प्रॉजेक्ट के लिए जमीन देने का नगर निगम का फैसला कोर्ट के आदेश की अवमानना है। उनका दावा है कि 2012 में ही आलोक कुमार बनाम यूपी सरकार के बीच एक-एक मामले में कान्हा उपवन और साईं उपवन पर स्टे रहेगा।
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पार्षद राजेंद्र त्यागी की ओर से दिए गए नोटिस की जानकारी नहीं है। मामले का पता लगाया जाएगा। – दिनेश चंद्र सिंह, नगर आयुक्त
Source: UttarPradesh