वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की मनमानी फिर सामने आई है। विश्वनाथ गली की रेड जोन की दुकानों के शटर तोड़ सामान गायब कर दिया गया। शनिवार सुबह इसकी जानकारी होने पर हड़कंच मच गया। इस बारे में व्यापारियों ने पुलिस थाने में तहरीर दी है। इसकी जांच सीओ दशाश्वमेध को सौंपी गई है।
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन द्वारा ढुंढीराज मंदिर होते हुए विश्वनाथ मंदिर जाने के गेट नंबर एक को बंद किए जाने तथा भवन बेचने के लिए दबाव बनाए जाने के विरोध में इलाके के दुकानदार गुरुवार से धरने पर बैठे हैं। इस बीच शनिवार की सुबह रेड जोन की कई दुकानों के शटर टूटे देख व्यापारी आक्रोशित हो गए। सूचना पर पहुंचे डायल 100 के सिपाहियों को सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर जाने से रोक दिया। बाद में दशाश्वमेध थाने की फोर्स ने मौके पर पहुंच जांच पड़ताल की। व्यापारियों ने डीजीपी और शासन को मामले से अवगत कराने के साथ दशाश्वमेध थाने में तहरीर दी है। सीओ द्वारा जांच के बाद इसपर आगे की कार्रवाई होगी।
व्यापारियों का खुला आरोप है कि मंदिर प्रशासन ने दुकानों के शटर तुड़वाए हैं। उन्होंने कहा, ‘मंदिर प्रशासन की हठधर्मिता और धमकी के कारण पिछले महीने शनिदेव मंदिर के महंत वीरेंद्र गिरी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी और इस समय विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी मानसिक प्रताड़ना के कारण गंभीर बीमार से ग्रस्त हो गए हैं। उनका बीएचयू में इलाज चल रहा है।’ व्यापारियों का यह भी कहना है कि मंदिर प्रशासन ने कई मंदिरों में दर्शन पूजन रोक कर पंरपरा विरूद्ध कार्य किया है।
Source: UttarPradesh