जिम्मेदार सरपंच की लापरवाही से खुले में शौच जाने मजबूर कोडिनार के निवासी

किरंदुल,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना हर घर शौचालय व स्वच्छता अभियान का जिस तरह से मज़ाक कोडनार में उड़ाया जा रहा है, समूचे भारत मे कही भी ऐसी दुर्गति इस योजना की नही हुई होगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को जागरूक करने के लिए टीवी समाचार पत्रों व सोशल मीडिया में बड़े बड़े विज्ञापन जारी कर जनता को जागरूक करने का मिशन चला रहे वही कोडनार में सरपंच की तानाशाही की वजह से यहाँ के निवासी खुले में सौच जाने को मजबूर है।

क्या है मामला

दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोड़ेनार में खुले में शौच मुक्त अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है प्रधानमंत्री की इस महत्वकांक्षी परियोजना का उद्देश्य जहां लोगों को बीमारी और गंदगी से दूर रखना है वही एक साफ और स्वच्छ भारत का निर्माण करना भी है। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही का खामियाजा दंतेवाडा किरंदुल के ग्राम पंचायत कोडिनार के 653 घरों के लोगों को भोगना पड़ रहा है.बस्तर दंतेवाड़ा के किरंदुल क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोडिनार जहां की जनसंख्या 2879 है. इसे शासन द्वारा ओडीएफ भी घोषित किया जा चुका है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। स्थानीय निवासियों को अपने अपने घरों में शौचालय निर्माण के लिए फंड भी दिया गया लेकिन लोगों की लापरवाही और सरपंच के ढीले रवैया के चलते बस्ती के किसी भी घर में शौचालय नहीं बना , अब यह देखना किसकी जिम्मेदारी है कि शासन द्वारा आवंटित की गई राशि का कितना सदुपयोग हुआ है?इतना ही नहीं पूरी बस्ती एक सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करती है जिसमें पानी की भी सही व्यवस्था नहीं है जिसके चलते गंदगी में ही स्थानीय निवासियों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है.

इस मामले में मोहल्ले वासियों का कहना है कि आज हमारे इस बस्ती में 653 परिवार निवास कर रहे हैं लेकिन शासन द्वारा हमारे लिए शौचालय बनाने फण्ड आया किंतु ग्राम पंचायत के द्वारा सामूहिक शौचालय बनाया तो गया है और उप स्वास्थ्य केन्द्र मे भी पानी की कोई सुविधा नहीं है रोड जर्जर है और आज हम खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है.

उप स्वास्थ्य केन्द्र मे बारिश के दिनों में पानी की सिपेज से स्वास्थ्य कर्मचारी के द्वारा मरम्मत हेतु सरपंच को अनेकों आवेदन दिया गया है मगर आज तक पानी और सिपेज से निजात दिलाने में सरपंच असफल नजर आए

सरपंच द्वारा विधवा या वृध्दाश्रम पेंशन धारियों को हाथ मे 200/- रुपये ही दिया जाता हैं हाथों हाथ बैंक के द्वारा भुगतान नही किया जा रहा है जबकि आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेशों की अवहेलना हो रही है सरपंच महोदया श्रीमती मीना मंडावी काग्रेस का शासन काल सिर्फ छत्तीसगढ़ में है अगर समुचित भारत वर्ष में होता तो फिर अधेर नगरी चौपट राजा का राज्य हो जाता किरंदुल ग्राम पंचायत कोडेनार केनिवासी के लिए जिंदगी गुजारना बडी मुश्किल हो गई है कृपा जनता की इन समस्याओं को अपनी समस्या समझ कर निदान करवाए

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